बिहार में खाद की कालाबाजारी करने वालों पर दर्ज होगी FIR, कृृष‍ि मंत्री ने द‍िए न‍िर्देश

बिहार में खाद की कालाबाजारी करने वालों पर दर्ज होगी FIR, कृृष‍ि मंत्री ने द‍िए न‍िर्देश

बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत की अध्यक्षता में शुक्रवार को पटना कृषि भवन के ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में मंत्री ने राज्य में खाद की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के न‍िर्देश द‍िए हैं.

Advertisement
बिहार में खाद की कालाबाजारी करने वालों पर दर्ज होगी FIR, कृृष‍ि मंत्री ने द‍िए न‍िर्देश   बिहार के कृषि मंत्री का अधिकारियों को आवश्यक निर्देश, जानें क्या है पूरा मामला, फोटो साभार: twitter

बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत की अध्यक्षता में शुक्रवार को  पटना कृषि भवन के ऑडिटोरियम में विभागीय मुख्यालय और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष राज्य में रबी फसलों के लिए अभी का मौसम बहुत ही अनुकूल है. इस वर्ष रबी में फसलों का अच्छा रकबा बढ़ा है. इसलिए हमारी पहली प्राथमिकता फसल प्रबंधन के साथ-साथ फसलों में लगने वाले कीट और रोगों पर नियंत्रण करने के उपाय के बारे में समय-समय पर किसानों को अवगत कराना है. साथ ही उन्होंने राज्य में खाद की कालाबाजारी रोकने के ल‍िए भी आवश्यक न‍िर्देश द‍िए. ज‍िसके तहत उन्होंने अध‍िकार‍ियों को न‍िर्देश द‍िया है क‍ि खाद की कालाबाजारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए.    

ये भी पढ़ें:- मखाना को देश की थाली में पहुंचाने की तैयारी में ब‍िहार सरकार

खाद की कालाबाजारी करने वालों पर FIR का आदेश

उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में वहां के पदाधिकारियों द्वारा खाद लदे वाहन ट्रक, ट्रैक्टर आदि को पकड़कर उसके ड्राईवर पर FIR दर्ज कराने से इससे संबंधित खबर अखबारों में छपती रहती है. जिससे असली गुनहगार बच जाते हैं. उन्होंने ऐसे वाहन मालिक और खाद की कालाबाजारी करने वाले दुकानदार और व्यवसायी पर FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि खाद की कालाबाजारी और दाम से अधिक कीमत पर विक्री के लिए केवल बड़े अधिकारी ही जिम्मेवार नहीं है. बल्कि इसके लिए कृषि समन्वयक प्रखण्ड अनुमंडल और जिला स्तर के पदाधिकारी भी इसके लिए जिम्मेवार हैं.

खाद की उपलब्धता पर सही जानकारी दें

मंत्री सर्वजीत कुमार ने निर्देश दिया कि वॉट्सऐप ग्रुप पर मैसेज और समाचार पत्रों के माध्यम से खाद की उपलब्धता के बारे में सही जानकारी को सार्वजनिक करें. जिससे किसान उग्र न हो. उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंडों में होर्डिंग के माध्यम से विभागीय योजनाओं के बारे में किसानों को सही जानकारी दें.

वहीं इस बैठक में कृषि निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश अपर निदेशक धनंजय पति त्रिपाठी निदेशक बामेती श्री आभांशु सी. जैन सहित मुख्यालय के पदाधिकारी प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक और विभागीय जिला स्तर के पदाधिकारी गण मौजूद थे.

जैविक खेती पर जोर

उन्होंने कहा कि अधिक और बेकार उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी के साथ-साथ लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है. इसलिए रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए विभाग द्वारा जैविक खेती के साथ-साथ हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. ताकी किसान इन्हीं खादों का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि हरी खाद के रूप में ढ़ैंचा, मूंग आदि की खेती से खेतों की उर्वरक शक्ति जो रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से कम हुई है. उसकी भरपाई की जा सकती है.

उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारियों को हरी खाद को बढ़ावा देने का सख्त निदेश दिया. जैविक खेती में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण होती है. इसलिए मुख्यालय स्तर से प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के निरीक्षण के लिए विशेष टीम गठित कर प्रमाणीकरण के जाँच का आदेश दिया.

इस तरह की खबरों से विभाग की प्रतिष्ठा धूमिल होती है. उन्होंने कहा कि विभागीय सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए. वरीय पदाधिकारियों को समय-समय पर विभागीय योजनाओं का निरीक्षण करना चाहिए.

ये भी पढ़ें:- छत्तीसगढ़ में नंबर वन बना महासमुंद, किसानों से MSP पर खरीदे 15 अरब के धान

POST A COMMENT