उत्तराखंड में लंपी बीमारी का खतरा बढ़ाउत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मवेशियों में लंपी वायरस का संक्रमण देखा जा रहा है. इसके बारे में वहां के जिलाधिकारी ने भी पुष्टि की है. रुद्रप्रयाग जिला सूचना कार्यालय की ओर से जारी एक सूचना में कहा गया है कि उत्तराखंड के मैदानी जिलं के साथ ही कुछ पर्वतीय जिलों में पॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी लंपी स्किन डिजीज से मवेशी प्रभावित हो रहे हैं. इसे देखते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मवेशियों के एक जिले से दूसरे जिले में मवेशियों को ले जाने या ले आने पर रोक लगा दी है. इन मवेशियों को प्रदर्शनी में ले जाने या एकजुट करने पर भी रोक लगा दी गई है.
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने कहा है कि मवेशियों में लंपी वायरस न फैले, इसके लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. वायरस से जनपद के मवेशियों को बचाने के लिए फिलहाल किसी भी बाहरी जनपद से रुद्रप्रयाग में कोई भी पशु आ-जा नहीं सकेंगे. इसके अलावा कहीं भी पशु प्रदर्शनी या फिर मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा. ये नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक पॉक्स वायरस का खतरा पूरी तरह से कम नहीं हो जाता है.
बता दें कि इन दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में पॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी लंपी स्किन डिजीज का खतरा बढ़ गया है. इस बीमारी की चपेट में आने से अधिकतर गौवंशीय और महिषवंशीय पशु प्रभावित होते हैं. बीमारी के फैलने से पहले ही रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं. बीमारी की रोकथाम के लिए फिलहाल अंतर्जनपदीय परिवहन को बंद करने सहित गौ और गौवंशीय/महिषवंशीय पशुओं के आवागमन, प्रदर्शनियों और महिषवंशीय पशुओं को जुटाने वाली समस्त गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है.
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जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, कही भी पशु प्रदर्शनी का आयोजन नहीं किया जाएगा जबकि जनपद और जनपद के बाहर भी पशुओं की खरीद-बिक्री नहीं की जाएगी. यह नियम लागू होने से पशुओं में बीमारी का खतरा कम हो जाएगा. यह नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक इस बीमारी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग जाती है. अगर बाहरी जनपदों से पशु रुद्रप्रयाग जनपद में आते हैं तो बीमारी का खतरा अधिक बढ़ जाता है. ऐसे में जिले के सभी बार्डर क्षेत्रों में चेकिंग की जाएगी. जो भी पशुओं का आयात-निर्यात करते हुए पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
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रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस बीमारी में संक्रमण न फैले, इसलिए ये निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संक्रमित पशु का रुद्रप्रयाग जनपद में आगमन न हो. किसी भी पशु मेला, गोष्ठी, प्रदर्शनी पर तब तक रोक रहेगी, जब तक इस पूरे संक्रमण पर काबू नहीं पाया जाएगा.
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