आलू के भाव में भारी गिरावट (फाइल फोटो)देशभर की कृषि उपज मंडियों में नए आलू की आवक बढ़ने के साथ ही कीमतों में भारी गिरावट से किसानों में रोष है. कई जगहों पर किसानों ने गिरती कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर सरकार को चेतावनी भी दी है. ताजा सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि आलू के थोक दामों में एक महीने और एक साल के मुकाबले भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है. आलू के औसत दाम तो एक तरफ, कई जगहों पर 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम यानी 200-300 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है. जानिए बीते हफ्ते, महीने और एक साल में आलू के औसत भाव में कितनी गिरावट आई है…
कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एगमार्कनेट (Agmarknet) पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 28 दिसंबर 2025 को आलू का औसत थोक भाव करीब 820 रुपये प्रति क्विंटल रहा. एक हफ्ते पहले यही भाव करीब 989 रुपये था यानी सिर्फ एक हफ्ते में लगभग 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि एक महीने में आलू के दाम करीब 32 फीसदी टूट चुके हैं. सालाना आधार पर तस्वीर और गंभीर दिखाई दे रही है. एक साल पहले आलू का औसत भाव 1,600 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा था, जबकि अब यह करीब 820 रुपये पर आ गया है यानी एक साल में लगभग 50 फीसदी तक कीमतें गिर चुकी हैं. कई उत्पादन क्षेत्रों में यह भाव किसानों की लागत से भी नीचे बताया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल में भी आलू के होलसेल दामों में भारी गिरावट का बनी हुई है, जिसका बड़ा कारण इंटर-स्टेट ट्रेड का कमजोर होना और कोल्ड स्टोरेज में फंसा अतिरिक्त स्टॉक है. राज्य के कोल्ड स्टोरेज में अभी एक महीने से ज्यादा का आलू बचा हुआ है, जिससे किसानों और व्यापारियों को मजबूरी में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल तक आलू बेचना पड़ रहा है.
बीते कुछ दिनों से किसान संगठनों ने भी दाम गिरने को लेकर नाराजगी जताते विरोध-प्रदर्शन किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते दिन उत्तर प्रदेश के संभल में किसानों ने प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की और उचित दाम की मांग की. वहीं, कुछ दिन पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी आलू के गिरते भाव को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लेटर लिखा और किसानों को सही दाम दिलाने की मांग उठाई.
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