मार्च का महीना शुरू होते हैं कई राज्यों में गेहूं की कटाई शुरू हो जाती है. गेहूं की कटाई से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है तभी आप अच्छी पैदावार ले पाएंगे. अब तो गेहूं की ज्यादातर कटाई हार्वेस्टर से होने लगी है लेकिन हसिया से गेहूं काटने वाले लोग भी खूब हैं. कई किसानों पौधे की पत्तियां और बालियों के पीले पड़ते ही कटाई शुरू कर देते हैं लेकिन केवल इतना ही काफी नहीं है, कई अन्य जरूरी बातें भी ध्यान में रखनी होती हैं. आइए जान लेते हैं कि गेहूं की कटाई के समय कौन सी गलतियां न करें?
खेती करने वाला हर किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार चाहता है. अगर आप भी किसान हैं और गेहूं से अच्छी पैदावार चाहते हैं तो कुछ बेसिक गलतियों से बचना चाहिए. आपको सिर्फ तीन बातों का ध्यान रखना होगा.
पौधों की पत्तियां और बालियां पीली पड़ने के बाद अगर आप कटाई करने जा रहे हैं तो बालियों से दानें निकाल कर जरूर चेक करें. दानों की नमी अच्छी तरह से सूख जाने के बाद ही कटाई करें नहीं तो दानें कटाई के बाद सिकुड़ जाते हैं जिससे ना ही उनका वजन बढ़ेगा ना ही उससे भरपूर आटा निकलेगा.
आप जानते होंगे कि कटाई करने के बाद गेहूं से दाना और भूसा पाने के लिए थ्रेसरिंग कराना जरूरी होगा. अच्छा दाना और बारीक भूसा पाने के लिए पौधों का अच्छी तरह से सूखा हुआ होना बहुत जरूरी है. कटाई के बाद कम से कम दो दिनों तक फसलों को बांधकर खेत में ही छोड़ देना चाहिए.
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कई बार ऐसा देखा गया है कि मार्च महीने में फसलों की कटाई के दौरान बेमौसम बारिश हो जाती है जिसके चलते खड़ी फसल नष्ट होते देखा गया है. इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए खेत के नजदीक ही खलिहान बनाएं और तिरपाल की व्यवस्था रखें ताकि काटी हुई फसलों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा सके.
गेहूं की फसल को काटने से पहले बेसिक बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि कटाई के कम से कम 15-20 दिन पहले खेत की सिंचाई बंद कर दें. खेत की मेड़ काटकर रखें ताकि अचानक से खेत में पहुंचा पानी आसानी से बाहर निकल सके. गेहूं को काटने के बाद बांध जरूर दें ताकि मार्च महीने में बहने वाली तेज हवाओं से फसल उड़कर बिखरे ना.
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