खेती में फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल आम हो गया है. लेकिन अक्सर लापरवाही के कारण यही कीटनाशक किसानों की सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा बन जाते हैं. हाल ही में कई राज्यों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां किसानों की जान पर बन आई है. कई किसान कीटनाशक का छिड़काव करते समय जहरीली गैस और रसायनों के संपर्क में आ जाते हैं जिससे उनकी तबीयत बिगड़ जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी बरतकर इन खतरों से बचा जा सकता है.
कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर किसान साधारण सी सावधानियों को अपनाया जाए तो कीटनाशक फसल को बचाने के साथ उनकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. सरकार और कृषि विभाग किसानों को लगातार प्रशिक्षण देने पर जोर दे रहे हैं, ताकि कीटनाशक का सुरक्षित और सही इस्तेमाल किया जा सके. आइए आपको बताते हैं कि कीटनाशक का छिड़काव करते समय कौन सी सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी होता है.
किसानों को कीटनाशक का छिड़काव करते समय हमेशा मास्क, दस्ताने, चश्मा और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए. इससे जहरीले कण सीधे शरीर या सांस के जरिए अंदर नहीं जाते.
स्प्रे करते समय हमेशा हवा की दिशा के विपरीत खड़े हों. अगर हवा की दिशा में खड़े होकर छिड़काव करेंगे तो रसायन सीधे सांस में जा सकते हैं, जिससे सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आने जैसी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि खुराक से ज्यादा दवा का प्रयोग करना खतरनाक हो सकता है. इसलिए पैकेट पर लिखे गए निर्देशों या कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार ही पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
कीटनाशक छिड़कते समय बच्चों और पशुओं को खेत से दूर रखना जरूरी है. कई बार रसायन उनके शरीर पर असर डाल सकते हैं.
स्प्रे करते वक्त खेत में खाना, पानी पीना या बीड़ी-सिगरेट पीना बिल्कुल मना है. इससे जहरीले तत्व सीधे शरीर के अंदर जा सकते हैं.
काम पूरा करने के बाद किसानों को तुरंत हाथ-पैर साबुन से धोना चाहिए और कपड़ों को अच्छी तरह साफ करना चाहिए. मशीनों और टैंक को भी धोकर सुरक्षित जगह पर रखना जरूरी है.
खाली पैकिंग या बोतलें खेत में इधर-उधर फेंकने की बजाय निर्धारित जगह पर ही नष्ट करें. इन्हें जलाना या पानी के स्रोत में डालना गंभीर प्रदूषण का कारण बन सकता है.
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