बाजरे की खेती खरीफ की फसल के रूप में की जाती है. बाजरे की फसल कम खर्च में अधिक उत्पादन देने वाली फसल है, जिसका इस्तेमाल खाने और पशुओं के चारे के अलावा और भी कई तरह से किया जाता है. लेकिन इस समय लगातार हो रही बारिश के कारण फसल में बाल वाली सुड़ी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. बालों वाली सुंडी (Hairy Caterpillar) का प्रकोप बारिश के मौसम के यानी जुलाई-अगस्त के महीने बढ़ जाता है. ये सुंडी पौधे की पत्तियों को खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाती है, जिससे पौधों का विकास रुक जाता है. ऐसे में अगर किसान इस कीट का प्रबंधन न करें, तो पूरी फसल चौपट हो सकती है. ऐसे में आज हम बताएंगे बचाव के आसान उपाय.
बालों वाली सुंडी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाला एक कीट है, जिसकी पहचान पौधों की पत्तियों पर छोटे-छोटे छेद और जालीदार पत्तो से की जा सकती है. इसके अलावा, पत्तियों का रंग पीला या भूरा होना और फिर सूख जाना भी इसके संक्रमण का संकेत है. बालों वाली सूंडिया पत्तों पर अकेली घूमती हैं और पत्तों को खाती रहती हैं. इसलिए समय रहते बाजरे को इन सूंडियों से नहीं बचाया जाए तो पूरी की पूरी फसल चौपट हो सकती है.
बाल वाली सुंडी की रोकथाम के लिए खेत में खरपतवार न पनपने दें. वहीं, फसल में रोग दिखाई देने पर पौधों पर क्विनलफास या मोनोक्रोटोफास की 250 मिलीलीटर मात्रा को प्रति एकड़ के हिसाब से पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इसके अलावा नीम के तेल या सर्फ को पानी में मिलाकर उसका छिड़काव भी किया जा सकता है. इन उपायों को अपनाकर आप बाजरे की फसल को बाल वाली सुंडी से बचा सकते हैं.
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