शहद को तरल सोना यानी लिक्विड गोल्ड कहा जाता है. शहद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, इसलिए यह सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे देता है. आपको बता दें शहद का सेवन करने से सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है. लेकिन, बाजार में बढ़ती मांग और उसे पूरा करने के लिए नकली शहद बेची जा रही है. यह नकली शहद ना सिर्फ त्वचा बल्कि सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. ऐसे में यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप अपने घर में नकली शहद तो नहीं ला रहे हैं. असली नकली शहद की पहचान करने के लिए आप कुछ ट्रिक्स और हैक्स आजमा सकते हैं. इन तरीकों से मिनटों में पहचाना जा सकता है कि शहद असली है या नकली.
अगर आप बाजार से शहद खरीदने जा रहे हैं तो आपको रंग के आधार पर शहद की पहचान करने में दिक्कत आ सकती है. हम आपको शहद की पहचान करने का सही तरीका बता रहे हैं. इसकी मदद से आप शहद को आसानी से पहचान सकेंगे. शहद सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खांसी और सर्दी के इलाज में उपयोग के अलावा, शहद का उपयोग कई अन्य बीमारियों और ब्युटि प्रॉडक्ट के लिए भी किया जाता है.
असली नकली शहद की पहचान करने का एक तरीका यह है कि इसे पानी में डालकर जांचा जाए. इस टेस्ट के लिए एक गिलास में पानी लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं. अब पानी को चम्मच से अच्छी तरह हिला लें. अगर शहद असली है तो वह गिलास की तली में जम जाएगा और पानी में नहीं घुलेगा. लेकिन, अगर शहद पानी में छोटे-छोटे दानों में जम रहा है और पानी में पूरी तरह घुल गया है, तो संभव है कि शहद नकली है.
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शहद जांचने के लिए आपको बस अपने अंगूठे पर शहद की एक बूंद डालनी है. अगर शहद असली है तो वह अपनी जगह पर चिपक जाएगा और गाढ़ा लगेगा. लेकिन, अगर शहद नकली है तो वह स्किन से चिपककर पानी में बहने लगेगा. आपको बता दें ऐसा शहद शुद्ध नहीं होता है.
किसी सादे पेपड़ की मदद से भी हम असली और नकली शहद की जांच कर सकते हैं. कागज पर शहद की कुछ बूंदें डालें. यदि शहद को कागज ने सोख लिया है तो शहद नकली है और यदि शहद अपनी जगह पर बरकरार है तो शहद शुद्ध होगा.
यदि मधुमक्खियों ने जामुन के फूलों से शहद तैयार किया है तो उसका रंग बैंगनी दिखाई देगा क्योंकि जामुन का रंग बैंगनी होता है. लीची के फूल से तैयार शहर का रंग सुनहरा दिखता है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक शहद दो प्रकार का होता है एक औषधीय और एक सामान्य. यदि शहद मधुमक्खियों द्वारा जामुन और तुलसी के फूलों से तैयार किया जाता है तो यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है.
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