खरीफ की खेती के लिए अगले दो तीन महीने बहुत खास होने वाले हैं. इन महीनों में किसानों को बेहद सावधानी बरतनी होती है और फसलों का पूरा ध्यान रखना होता है. इसे देखते हुए पूसा, दिल्ली ने किसानों के लिए फसल एडवाइजरी जारी की है. कृषि परामर्श सेवाओं, कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को निम्न कृषि कार्य करने की सलाह दी जाती है.
जिन किसानों की धान की पौधशाला लग गई हो, वे बकानी रोग के लिए पौधशाला की निगरानी करते रहें और लक्षण पाए जाने पर कार्बेन्डिजम 2.0 ग्राम/लीटर पानी घोल कर छिड़काव करें.
धान की पौधशाला में यदि पौधों का रंग पीला पड़ रहा है तो इसमें लौह तत्व की कमी हो सकती है. पौधों की ऊपरी पत्तियां यदि पीली और नीचे की हरी हों तो यह लौह तत्व की कमी दर्शाता है. इसके लिए 0.5% फेरस सल्फेट + 0.25 % चूने के घोल का छिड़काव करें.
इस मौसम में किसान मक्का फसल की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें. इसकी संकर किस्मों की बात करें तो ए एच-421, ए एच-58 बेस्ट हैं. उन्नत किस्मों में पूसा कंपोजिट-3, पूसा कंपोजिट-4 के नाम हैं. बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें. बीज की मात्रा 20 किलोग्राम/हेक्टेयर रखें. पंक्ति-पंक्ति की दूरी 60-75 से.मी. और पौधे से पौधे की दूरी 18-25 से.मी. रखें. मक्का में खरपतवार नियंत्रण के लिए एट्राजिन 1 से 1.5 किलोग्राम/हेक्टेयर 800 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें.
यह समय चारे के लिए ज्वार की बुवाई के लिए उप्युक्त है. इसलिए किसान पूसा चरी-9, पूसा चरी-6 या अन्य सकंर किस्मों की बुवाई करें. बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें. बीज की मात्रा 40 किलोग्राम/हेक्टेयर रखें और लोबिया की बुवाई का भी यह उपयुक्त समय है.
वर्षा पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए सभी किसानों को सलाह है कि सब्जी नर्सरी, दलहनी फसलों में जल निकास का उचित प्रबंधन रखें और खड़ी फसलों और सब्जियों में किसी प्रकार का छिड़काव ना करें. यह समय मिर्च, बैंगन और फूलगोभी (सितंबर में तैयार होने वाली किस्में) की पौधशाला बनाने के लिए उपयुक्त है. किसान पौधशाला में कीट अवरोधी नाईलोन की जाली का प्रयोग करें, ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें.
पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए छायादार नेट द्वारा 6.5 फीट की ऊंचाई पर ढक सकते हैं. बीजों को केप्टान (2.0 ग्राम/ कि.ग्रा बीज) के उपचार के बाद पौधशाला में बुवाई करें. जिन किसानों की मिर्च, बैंगन वफूलगोभी की पौध तैयार है, वे मौसम को मध्यनजर रखते हुए रोपाई की तैयारी करें.
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