सरसों के फूल आने पर पैदावार बढ़ाने के लिए तुरंत करें ये उपाय, बालियों में नहीं होगी दाने की कमी

सरसों के फूल आने पर पैदावार बढ़ाने के लिए तुरंत करें ये उपाय, बालियों में नहीं होगी दाने की कमी

सरसों की बुआई सितंबर और अक्टूबर से शुरू होकर नवंबर के पहले सप्ताह तक चलती है. वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अक्टूबर के पहले सप्ताह में सरसों की बुआई की थी. इसलिए उनकी सरसों अब लगभग 30 दिन की हो गई है. इस समय सरसों में पहली सिंचाई करने की आवश्यकता होती है.

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सरसों के फूल आने पर पैदावार बढ़ाने के लिए तुरंत करें ये उपाय, बालियों में नहीं होगी दाने की कमीसरसों की पैदावार और चमक बढ़ाने के लिए करें ये काम

भारत में सरसों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. सरसों का तेल से लेकर सरसों की राई तक का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सरस्सों की खेती कर रहे किसान सरसों की बुआई सितंबर और अक्टूबर से शुरू होकर नवंबर के पहले सप्ताह तक चलती है. वहीं कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अक्टूबर के पहले सप्ताह में सरसों की बुआई की थी. इसलिए उनकी सरसों अब लगभग 30 दिन की हो गई है. इस समय सरसों में पहली सिंचाई करने की आवश्यकता होती है. पहली सिंचाई समय पर दें और इसमें संतुलित मात्रा में उर्वरक और पोषक तत्व डालें. ये आपकी सरसों की फसल में कलियां उगाने में मदद करेंगे. इसके बाद जिन किसानों की सरसों की फसल में फूल आने वाला है या फूल आ चुका है. वे किसान अपनी सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए ये काम कर सकते हैं.

सरसों की फसल में पैदावार बढ़ाने के उपाय

सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए फूल आने की अवस्था सबसे अच्छी अवस्था मानी जाती है. इस समय से आपकी फसल में दाने बनने का समय शुरू हो जाता है. यदि आपकी सरसों के अंदर फूल आने की अवस्था शुरू हो गई है. इसलिए आपके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आपकी पैदावार अच्छी हो. इस समय आपकी फसल पर कीटों और बीमारियों का हमला होने लगता है. इसलिए इस समय इनसे बचाव के उपाय करना जरूरी है.

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फसलों में एनपीके और बोरोन का करें छिड़काव

जिस भी किसान की सरसों फूल अवस्था में पहुंच गई हैऔर पहला कार्य एनपीके 1.5 किग्रा और बोरोन 100 ग्राम को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना हैऔर यह स्प्रे आपके फूलों को झड़ने से रोकेगा और आपके फूल चमकदार और मजबूत बनेंगे.

सरसों में कीटनाशक का करें उपयोग

दूसरे, इस कवकनाशी और कीटनाशक का उपयोग अपनी सरसों की फसल में करें और सरसों की फूल अवस्था में ऐसे कीटनाशक का चयन करें जो बहुत तेज़ नहीं है. जिससे आपके सरसों के फूलों को नुकसान हो सकता है. क्योंकि सरसों में कुछ मित्र कीट होते हैं. जो एक पौधे से दूसरे पौधे तक भोजन पहुंचाने का काम करता है. जैसे मधुमक्खियाँ जो सरसों का उत्पादन बढ़ाने में मदद करती हैं

हल्के कीटनाशकों का करें प्रयोग

अतः सरसों में हल्के कीटनाशकों का ही प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए एक्टारा (थियामेथोक्साम 25% डब्लूजी) 100 ग्राम प्रति एकड़ के साथ 300 ग्राम हरू (टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% डब्लूजी) को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. यह स्प्रे आपकी फसल को फंगल रोगों और कीट रोगों से बचाएगा और (सल्फर सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने का काम करता है).

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