आलू की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के रसोई का बजट बिगाड़ रखा है. लगातार खुदरा कीमतों में उछाल से लोगों की परेशानी बढ़ी है. बाजारों में आलू की खुदरा कीमतों की बात करें तो 30 रुपये किलो मिल रहा है. कीमतों में उछाल की वजह गर्मियों के दौरान खपत बढ़ने की तुलना में कोल्ड स्टोरेज से आलू बाजारों में नहीं पहुंचना है. वहीं बढ़ती कीमतों को देखते हुए कई राज्यों में आलू के किसान अपनी फसलों को खुदाई के बाद स्टोर कर लेते हैं ताकि जब दाम बढ़े तब वे अपनी उपज को बेहतर दामों पर बाजारों में बेच सकें.
ऐसे में कई बार अच्छी भंडारण व्यवस्था न होने के कारण आलू सड़ जाता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. तो ऐसे में जान लें कि आलू को कैसे स्टोर करें ताकि महीनों तक नहीं हो खराब.
रबी की मुख्य फसल आलू की खुदाई फरवरी से लेकर मार्च महीने तक की जाती है. ऐसे में आलू को लंबे समय तक स्टोर करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है. सबसे पहले आलू की खुदाई करने के बाद किसान कटे और भद्दी शक्ल वाले आलू को अलग करके रख दें. बचे हुए आलुओं को किसी कमरे में ढेर लगाकर रख दें. उसके बाद आलुओं को ऊपर से ढकना आवश्यक है वरना इनके हरे हो जाने का खतरा रहता है.
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आलू के संसाधन के लिए उन्हें अनुकूल तापमान 20 डिग्री में रखना चाहिए. आर्द्रता की मात्रा भी अधिक होनी चाहिए. किसान आर्द्रता की मात्रा को बढ़ाने के लिए आलू के ढेर के ऊपर थोड़ा-थोड़ा पानी का छिड़काव करते रहे. वहीं अगर स्टोर रूम में तापमान अधिक हो तो कूलर का प्रयोग करके तापमान को कम किया जा सकता है. इसके अलावा भंडारण करने से पहले आलुओं की दर्जाबन्दी करें और बोरियों में भरकर शीतगृह में भेजें. वहीं कटे हुए आलुओं को निकालकर बाजार में बेच देना चाहिए. साथ ही अगर घरों में खाने के लिए आपको आलू को 3-4 महीने तक स्टोर करना है तो घरों में आलू किसी ठंडे और हवादार स्थान पर रख सकते हैं.
अब सवाल है कि भारत का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य कौन-सा है, तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. यहां की मिट्टी और जलवायु आलू की खेती के लिए उपयुक्त है. ऐसे में राज्य में सबसे अधिक आलू का उत्पादन होता है. इसके बाद बंगाल, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश शामिल है. इन राज्यों में आलू की खेती अधिक मात्रा में की जाती है.
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