आजकल होम गार्डनिंग लोगों का खास शौक बनता जा रहा है. अधिकांश लोग ऐसे हैं जो फल-सब्जी हो या फिर मसाले, वे बाजार से खरीदने की बजाय घर में ही उगाना पसंद करते हैं. घर में उगाई गई चीजें बाजार के मुकाबले अधिक गुणवत्ता वाली मानी जाती हैं. इसके अलावा साइकोलॉजी मानने वाले बताते हैं कि गार्डनिंग करने से हमारे अंदर हैप्पिनेस बढ़ाने वाले हार्मोंस भी एक्टिव होते हैं. हालांकि होम गार्डनिंग उतनी आसान नहीं है जितनी समझ आती है. गार्डन में पौधे तैयार करना बड़ी चुनौती है. पौधों की बेहतर देखभाल बहुत जरूरी होती है.
होम गार्डनिंग करने वाले लोगों को पौधों की लगातार देखभाल करना जरूरी होता है. अगर आप फल-सब्जी या मसालों के पौधे लगाते हैं तो आपको कई बातों का विशेष ध्यान रखना होता है. आइए जान लेते हैं कि पौधा रोपने के एक महीने के बाद कौन सी तैयारी रखनी चाहिए.
पौधों में एक महीने के बाद पौधों में मिट्टी चढ़ाने की जरूरत होती है, मुट्ठी से नई मिट्टी चढ़ा दें. इसके अलावा लगातार पानी देने से अगर मिट्टी जाम हो गई है तो इसे खुरपी से भुरभुरी बना लें. कहना का मतलब है कि गुड़ाई करें ताकि मिट्टी की एयरेशन बढ़ जाए और जड़ों को भरपूर ऑक्सीजन मिले और उनकी ग्रोथ में तेजी आए.
एक महीने के बाद पौधे अच्छी तरह से लग जाते हैं. इसके साथ ही ये समय पौधों के तेजी से बढ़ने का भी होता है. इस दौरान पौधों की निगरानी करते रहें. अगर पौधे सही आकार से नहीं बढ़ रहे हैं तो छंटाई करना जरूरी है इससे वे सीध में बढ़ेंगे. इसके अलावा अगर पत्तियां या टहनियां सूख रही हैं तो भी प्रूनिंग जरूरी है इससे पौधों में नई कोपलें फूटती हैं.
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कुछ लोगों को लगता है कि अधिक खाद और पानी देने से पौधे अधिक तेजी से बढ़ सकते हैं, लेकिन आपको बता दें कि अधिक पानी देने से मिट्टी में फंगस का खतरा बढ़ता है तो वहीं अधिक खाद देने से पौधों में कार्बनिक पदार्थ बढ़ जाते हैं जिसके कारण पौधों के झुलसने का खतरा बना रहता है. यही कारण है कि खाद-पानी देने का सही तरीका जानना भी जरूरी होता है. पौधों में पानी देने से पहले मिट्टी को छूकर देख लीजिए अगर नमी की कमी है तो ही सिंचाई करें, ध्यान रहे कि पौधों में जलभराव ना होने पाए. इसके अलावा पहले महीने खाद दे सकते हैं लेकिन अधिकतम 2 चम्मच प्रति पौधा खाद पर्याप्त होगी. खाद देने के बाद हल्का पानी दें ताकि वे मिट्टी में आसानी से मिल सके.
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