घर की बालकनी में ऐसे उगाएं हरी मटर, ये मौसम है परफेक्ट, कब और कैसे लगाएं बीज

घर की बालकनी में ऐसे उगाएं हरी मटर, ये मौसम है परफेक्ट, कब और कैसे लगाएं बीज

मटर को हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद होती है. आप गार्डन की मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर उपजाऊ माध्यम तैयार कर सकते हैं.

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घर की बालकनी में ऐसे उगाएं हरी मटर, ये मौसम है परफेक्ट, कब और कैसे लगाएं बीजमटर
Story highlights
  • घर पर उगाएं हरी मटर
  • जानें कब और कैसे लगाएं बीज

चाहे आलू-मटर की गर्मागर्म सब्जी हो या मटर पुलाव का स्वाद, हरी मटर हर थाली को खास बना देती है. अच्छी बात यह है कि इसे घर पर उगाना बेहद आसान है. बालकनी, छत या आंगन, जहां थोड़ी धूप आती हो, वहीं आप मटर उगा सकते हैं. आजकल शहरी किचन गार्डन में मटर की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि यह कम जगह, कम समय और कम लागत में तैयार हो जाती है.

कौन से मौसम में लगाएं मटर?
हरी मटर ठंडी जलवायु की फसल है. इसका सही समय होता है सितंबर से लेकर दिसंबर तक. इस मौसम में तापमान और नमी का संतुलन मटर के बीजों के अंकुरण के लिए अच्छा रहता है. यदि आप इस समय पर बीज बोते हैं, तो पौधा स्वस्थ तरीके से बढ़ता है और फसल जल्दी तैयार होती है.

घर में कहां और कैसे उगाएं?
मटर को उगाने के लिए किसी खेत या बाग की जरूरत नहीं है. आप इसे घर पर ही किसी भी कंटेनर में उगा सकते हैं. बड़े गमले, पुरानी बाल्टियां, ग्रो बैग्स, प्लास्टिक के डिब्बे, थर्मोकोल बॉक्स या लकड़ी के टोकरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. बस इस बात का ध्यान रखें कि उस बर्तन में नीचे पानी के निकास के लिए छेद हो और वह ऐसी जगह रखा हो जहां कम से कम 4–6 घंटे की सीधी धूप आती हो.

मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
मटर को हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद होती है. आप गार्डन की मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर उपजाऊ माध्यम तैयार कर सकते हैं. कंटेनर में मिट्टी भरने से पहले नीचे थोड़ी रेत या टूटे हुए ईंट के टुकड़े डाल दें ताकि पानी आसानी से निकल सके.

बीज बोने और देखभाल का तरीका
बीज बोने से पहले उन्हें 6-8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें. इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं. इसके बाद इन्हें 1 से 2 इंच गहराई में मिट्टी में बोएं. बीजों के बीच 2-3 इंच की दूरी रखना जरूरी है ताकि पौधों को फैलने की जगह मिले. पानी ज्यादा न दें, लेकिन मिट्टी नम बनी रहे इसका ध्यान रखें.

जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, उसे सहारे की जरूरत होती है. आप बांस की छड़, लकड़ी की सीढ़ी या रस्सी का सहारा देकर बेल को ऊपर चढ़ा सकते हैं. इससे पौधे हवा और धूप बेहतर तरीके से ले पाएंगे, जिससे फलियों की गुणवत्ता बढ़ेगी.

मटर की फसल कब तैयार होती है?
बीज बोने के लगभग 60 से 80 दिन बाद मटर की फलियां पककर तैयार हो जाती हैं. जब फली गहरे हरे रंग की और मोटी दिखने लगे, तब समझिए कि यह तोड़ने लायक हो गई है. हर दो-तीन दिन में फलियां तोड़ते रहिए, इससे पौधा ज्यादा दिनों तक फलियां देता रहेगा. ध्यान रहे कि मटर के पौधों में जरूरत से ज्यादा खाद न डालें. ज्यादा खाद से पत्तियां तो खूब आएंगी, लेकिन फलियां कम बनेंगी.

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