रिटायरमेंट के बाद टाइम पास करना हो, हाउस वाइफ हैं और पूरा दिन घर में अकेली रहती हैं. बच्चे हैं और कोई एक्स्ट्रा एक्टिविटी करने का जुगाड़ नहीं है तो होम गार्डनिंग आप सबके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन हो सकता है. होम गार्डनिंग कर आप घर में फल-फूल, सब्जी और मसाले उगा सकते हैं, इससे आपका किचन खर्च बचेगा. साथ ही ताजे और पोषक गुणों से भरपूर फल-सब्जी खाने से आपकी सेहत में भी सुधार होगा. अगर आप पहले से ही होम गार्डनिंग कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं और आपने टमाटर का पौधा लगा रखा है, तो आपको पैदावार बढ़ाने के उपाय बताने जा रहे हैं.
टमाटर के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए आपको हवा, मिट्टी, पानी और प्रकाश का सही संतुलन बनाना होगा. अगर आपने गमले में टमाटर का पौधा लगा रखा है, तो इसमें अच्छी क्वालिटी की मिट्टी ही भरनी होगी. इस मिट्टी में किसी तरह की गैर जरूरी नमी और फफूंद नहीं होना चाहिए. मिट्टी सूखी और भुरभुरी होनी चाहिए. इस मिट्टी में सड़े गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट या फिर कोकोपीट खाद मिलाकर भरें, इससे ग्रोथ बढ़ेगी. सिंचाई केवल उतनी करें जिससे मिट्टी गीली रहे, जलभराव ना करें, इससे पौधे सड़ सकते हैं. सबसे जरूरी है पौधे में रोजाना कम से कम 8 घंटे की धूप लगती रहे.
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पौधों की अच्छी ग्रोथ के साथ ही उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक तरीका ही अपनाना चाहिए. अगर मिट्टी में किसी तरह का रोग, कीट या फंगस का खतरा है तो नीम की खली, हल्दी या फिर छाछ का इस्तेमाल करें. छाछ और नीम की पत्तियों से बना स्प्रे करें. खाद की बात करें तो शुरुआती समय में कोकोपीट डालें. इससे लंबे समय तक पौधों में नमी बनी रहेगी. जब पौधों में फूल आने का समय हो तो एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करें. इससे पौधों में फूलों की संख्या बढ़ जाएगी जिससे फलों की पैदावार बढ़ाने में आसानी होगी.
हम टमाटर का उदाहरण इसलिए दे रहे हैं कि टमाटर का पौधा बिना किसी तामझाम के और जल्दी से फल देने लगता है. टमाटर की बाजार मांग भी सालभर है क्योंकि इससे आप सब्जी, चटनी, मीठी चटनी, जूस और भी कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही ये विटामिन C सहित कई पोषक गुणों से भरपूर होता है.
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