जुलाई में निपटा लें खेती से जुड़े ये 10 काम, खरीफ चारा और बाजरे की बुवाई पर दें खास ध्यान

जुलाई में निपटा लें खेती से जुड़े ये 10 काम, खरीफ चारा और बाजरे की बुवाई पर दें खास ध्यान

जुलाई का महीना आते ही किसान अपने खेतों में उतर आते हैं. इस महीने में कई फसलों की बुवाई की जाती है. जिसके लिए बिहार सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि जुलाई महीने में खेती से जुड़े कौन से काम करने हैं.

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जुलाई में निपटा लें खेती से जुड़े ये 10 काम, खरीफ चारा और बाजरे की बुवाई पर दें खास ध्यानजुलाई में निपटा लें खेती से जुड़े काम

जुलाई का महीना आते ही खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. इस दौरान कृषि विशेषज्ञ किसानों को खरीफ फसलों में निराई-गुड़ाई और बुवाई करने की सलाह देते हैं ताकि किसान इस महीने में खेती से जुड़े अपने सभी काम निपटा लें. इसके अलावा कई अन्य ऐसी फसलों की खेती करने की भी सलाह दी जाती है, जिससे किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकें. ऐसे में बिहार सरकार की ओर से किसानों के लिए जुलाई महीने में होने वाले कृषि से जुड़े काम के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि किसान जुलाई के महीने में खेती से जुड़े ये 10 काम निपटा लें. साथ ही चारा और बाजरे की बुवाई पर खास ध्यान दें.

जुलाई में खेती से जुड़े 10 काम

1. मक्का में धड़ छेदक कीट के नियंत्रण के लिए कार्बोफ्यूरान 3 जी या कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी दानेदार कीटनाशी का 4-5 दाने प्रति गंभा की दर से छिड़काव करें. इसके अलावा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल.1 एम.एल. प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें और मक्के में होने वाले खरपतवार का प्रबंधन करें.

2. अगर किसान बाजरे की खेती करना चाहते हैं तो संकर बाजरा की बुवाई जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में कर सकते हैं.

3. बिहार के किसान जुलाई के महीने में मिश्रीकंद की बुवाई कर सकते हैं.

4. फल वृक्षों की कलम तैयार करने के लिए ग्राफ्टिंग, स्टूलिंग और एयर लेयरिंग का काम जुलाई में शुरू कर दें.

5. जुलाई के महीने में किसान पपीता के पौधों की रोपाई करें.

6. फल वृक्ष के नए बाग लगाने के लिए पहले से तैयार गड्डों में इस महीने के अंत तक पौधे लगा दें.

7. बीज उपचार के बाद मिर्च, टमाटर, अगेती गोभी के बीज की खेती कर सकते हैं.

8. बिहार के किसान जुलाई के महीने में खरीफ चारा की बुवाई समाप्त करें.

9. धान के बिचड़े की जड़ को क्लोरोपायरीफॉस 20 ई.सी. का 2.5 एम.एल. प्रति लीटर पानी में 1 प्रतिशत यूरिया के बने घोल में तीन घंटे डुबाने के बाद रोपाई करें. धान की रोपाई माह के अंत तक समाप्त कर लें.

10. जुलाई के महीने में मक्के के बुवाई के 15-20 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें.

बाजरे की बुवाई पर दें खास ध्यान

आपने अक्सर सुना होगा कि पशुओं को अनाज खिलाने से परहेज करना चाहिए. लेकिन बाजरा एक ऐसा अनाज है, जो मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. ऐसे में अगर किसानों ने खरीफ में बाजरा चारा उगाया है तो उस पर खास ध्यान दें. बाजरे की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मध्यम से भारी मिट्टी को अधिक उपज के लिए चुनें. जिस खेत में बाजरे की खेती करने जा रहे हैं, उस जगह पर दीमक और लट का प्रभाव नहीं होना चाहिए. वहीं, मिट्टी का पीएच मान 6.5 और 7.5 के बीच होना चाहिए. अच्छे अंकुरण के लिए दोमट मिट्टी के लिए उपयुक्त मानी जाती है.

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