
आज हम आपको झालावाड़ जिले के गोलाना में रहने वाले रविंद्र स्वामी की कहानी बता रहे हैं जो उन्नत किसान हैं. रविंद्र स्वामी सर्व शिक्षा अभियान के कंप्यूटर प्रोजेक्ट में कार्यरत थे. उन्होंने कंप्यूटर प्रोजेक्ट का काम छोड़कर खेती शुरू की और अब मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. नौकरी के दौरान उनकी कमाई जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं थी. लेकिन खेती ने उनके लिए कमाई के कई रास्ते खोल दिए. किसान रविंद्र स्वामी पॉली हाउस लगा कर ब्रोकली, तुर्की का खीरा, ककड़ी, खरबूजा, चेरी टमाटर और स्ट्रॉबेरी की उन्नत किस्में लगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस खेती की खास बात ये है कि फसलों में जैविक खाद का भरपूर इस्तेमाल होता है.
किसान रविंद्र स्वामी ने खेती में कुछ बेहतरी के लिए झालरापाटन कृषि केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क किया. यहां उन्हें पॉली हाउस में खेती की जानकारी मिली. इसी केंद्र पर उन्हें पॉली हाउस पर 70 परसेंट अनुदान के बारे में भी बताया गया. इसके बाद किसान रविंद्र स्वामी ने गोलाना में पॉली हाउस लगा दिया. उन्होंने पहली बार पॉली हाउस में खीरा लगाया तो 22 टन उत्पादन हुआ जिससे चार लाख की कमाई हुई. दूसरी फसल के लिए जयपुर से तुर्की के खीरे के पौधे मंगवाए और खुद की नर्सरी तैयार की. इससे 28 टन उत्पादन मिला जिसे झालावाड़, कोटा और जयपुर में बेचा गया.
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खेती में फायदा देख किसान ने और अधिक पॉली हाउस लगाया. खाद के लिए किसी केमिकल का इस्तेमाल न कर जैविक खाद का प्रयोग किया. इससे रविंद्र स्वामी ने बहुत कम समय में अच्छा मुनाफा कमाया है जिससे झालावाड़ के पूरे इलाके में उनका नाम रोशन हो गया. किसान ने बताया कि आज उनकी कमाई पहले से पांच गुना तक बढ़ गई है. स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, गोभी, खीरा-ककड़ी, चेरी टमाटर से अच्छी आमदनी होने लगी है. अच्छा मुनाफा होता देख इस किसान ने अपने परिवार के अन्य लोगों को भी इस काम में जोड़ लिया है.
इस परिवार के लोग पहले शहरों में जाकर नौकरी करते थे, वे अब घर लौटकर रविंद्र स्वामी की मदद कर रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती हमेशा ठंडे इलाकों में होती है, लेकिन रविंद्र स्वामी ने इसे झालावाड़ जिले में भी शुरू किया है, जो कि गर्म इलाका है. स्ट्रॉबेरी की खेती चार से पांच महीने की होती है और मार्च तक पैदावार निकलने लगती है. अपनी अलग-अलग खेती से ये किसान आज 40 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं. उनकी खेती इतनी मशहूर रही है कि कभी पूर्व मुख्यमंत्री वुसंधरा राजे सिंधिया भी तारीफ कर चुकी हैं. यहां तक कि राजे ने रविंद्र स्वामी के पॉली हाउस का दौरा भी किया और उनका हौसला बढ़ाया.
आज इस किसान की पहचान झालावाड़ जिले तक सीमित नहीं बल्कि राजस्थान के कोने-कोने तक पहुंच गई है. अब वे अन्य किसानों को ट्रेनिंग दे रहे हैं ताकि खेती में नवाचार बढ़े और लोगों की कमाई में इजाफा हो.(रिपोर्ट/फिरोज अहमद खान)
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