दिवाली के समय हर साल दिल्ली सहित देश के तमाम बड़े शहरों दमघोंटू हवा का प्रकोप गहरा जाता है. देश के मैदानी इलाकों में दिवाली के समय सर्दी की आमद के साथ ही तापमान में गिरावट आने के कारण हवा की गति धीमी पड़ जाती है. इससे हवा को दूषित करने वाले सूक्ष्म कार्बन युक्त पार्टिकुलेट तत्व वातावरण में ही मौजूद बने रहते हैं. इससे लोगों का सांस लेना भी दूभर हो जाता है. दिवाली में बारूद का इस्तेमाल इस स्थिति को गंभीर बना देता है. महानगरों में यह स्थिति दिवाली से लेकर मकर संक्रांति तक बरकरार रहती है. ऐसे में पिछले कुछ सालों से केंद्र और राज्य सरकारें ग्रीन दिवाली मनाने की लगातार पहल कर रही हैं. इसके तहत Particulate Matters का वातावरण में स्तर बढ़ाने वाले पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है. इस पहल को कारगर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 'ग्रीन दिवाली' के प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने का फैसला किया है.
छत्तीसगढ़ में सरकार ने इस साल प्रदूषण रहित ग्रीन दिवाली मनाने के लिए प्रोटोकॉल तय किया है. इसके तहत राज्य में ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बाजार में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बिक सकेंगे.
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प्रोटोकॉल के तहत दीपावली, छठ पूजा, गुरु पर्व, क्रिसमस और नए साल के मौके पर पटाखे जलाने की अवधि 2 घंटे निर्धारित की गई है. इसमें दीपावली के दिन रात को 8 बजे से 10 बजे तक, छठ पूजा के दिन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक, गुरु पर्व के लिए रात में 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकेंगे. क्रिसमस तथा नव वर्ष के दिन रात में 11 बजकर 55 मिनट से रात साढ़े बारह तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे.
इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने सर्दी के मौसम में प्रदूषण की लगातार गंभीर होती स्थिति को देखते हुए वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के तहत विशेषाधिकारों का प्रयोग कर राज्य के बड़े शहरों में दो महीने तक बारूद के इस्तेमाल को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है. इन शहरों में रायपुर, बिलासपुर, भिलाई-दुर्ग, रायगढ़ एवं कोरबा के शहरी क्षेत्र शामिल हैं. इन इलाकों में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक पटाखे जलाना प्रतिबंधित रहेगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण बढ़ाने में पटाखों की भूमिका को देखते हुए 23 नवंबर 2018 को त्योहारों के दौरान पटाखों के उपयोग को लेकर कुछ निर्देश जारी किए थे. इनमें कम प्रदूषण फैलाने वाले Improved Green Crackers की बिक्री केवल लाइसेंस धारक विक्रेताओं द्वारा किये जाने का आदेश दिया था. साथ ही निर्धारित सीमा के भीतर आवाज करने वाले पटाखों की बिक्री सुनिश्चित करने को शीर्ष अदालत द्वारा कहा गया था. इसमें लड़ी वाले पटाखों की बिक्री, उपयोग एवं निर्माण भी प्रतिबंधित किया गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने अदालत के निदेर्शों का पालन करते हुए लिथियम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मरकरी का इस्तेमाल कर पटाखे बनाने वाले कारोबारियों का लाइसेंस रद्द करने के निर्देश दिये हैं. इस दौरान फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि E-Commerce Platform से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. सरकार ने राज्य के सभी जिला प्रशासन को इन निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं.
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