खेत में सिंचाई करने के साथ छुट्टा पशुओं को भी भगाएगी ये मशीन, सस्ते में आज ही लगा लें
किसान खेतों में रखवाली करें या खेती का काम करें? ये बड़ा प्रश्न है क्योंकि जब किसान रातभर छुट्टा पशुओं से खेत की रखवाली करता है तो अगले दिन उसे खेती का काम करने में नींद आती है. इससे खेती का काम प्रभावित होता है. जाहिर है इससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है. फिर क्या करे किसान कि छुट्टा पशुओं से निजात मिले.
आवारा या छुट्टा पशुओं (Stray animals) से फसलों को बचाना आज किसानों का सबसे बड़ा काम हो गया है. खेती में जितनी मेहनत होती है, कुछ वैसी ही मेहनत अब पशुओं को भगाने और फसलों की रखवाली में करनी होती है. यह श्रमसाध्य काम है और किसान मानते हैं कि उनका समय अब खेतों में हुर्रे-हुर्रे करने में ज्यादा बीत रहा है. किसानों की ये भी शिकायत है कि रात में जागकर वे फसलों की निगरानी करते हैं. मगर जब दिन में खेत में काम करने जाते हैं तो उन्हें नींद आती है. इससे खेती प्रभावित होती है. ऐसे में सवाल है कि इसका उपाय क्या है?
इसके उपायों की बात करें तो इसमें तकनीक से लेकर देसी जुगाड़ तक, सबकुछ कारगर हो सकता है. बस जरूरत है कि किसान इसे अपनाएं और आजमाएं. इससे बहुत हद तक संभव है कि वे आवारा पशुओं से अपनी फसलों को बचा पाएंगे.
देसी उपाय
बाड़बंदी- खेत के चारों ओर बाड़ा लगाएं जिसमें कटीले तार और रस्सियां हो सकती हैं. इससे जानवर खेतों में नहीं घुस पाएंगे.
मेश या नेटिंग- बाजार में पौधों को कवर करने के लिए मेश या नेट बिकते हैं. आप इसका इसका प्रयोग पौधों को ढकने के लिए कर सकते हैं. इससे पक्षियों के अलावा जानवरों से फसलों की सुरक्षा होगी.
कवर- पूरी फसल को ढकने के लिए कवर का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह कवर हल्का होना चाहिए जिसमें पतली प्लास्टिक की चादर हो सकती है. इससे फसल को चिड़िया और जानवरों से बचाया जा सकता है.
हाईटेक उपाय
स्मार्ट स्प्रिंकलर- बाजार में आजकल ऐसे स्प्रिंकलर यानी सिंचाई के साधन आ रहे हैं जो स्मार्ट तकनीक से काम करते हैं. ये ऐसी मशीनें हैं जो सिंचाई करने, सिंचाई के साथ पानी बचाने और छुट्टा पशुओं (Stray animals) से फसलों की रखवाली करने में मदद करती हैं. इसी में एक है मोशन-एक्टिवेटेड स्प्रिंकलर. ये ऐसी मशीन है जो किसी जानवर को दूर से भांप लेती है और पानी का छिड़काव शुरू कर देती है. इससे जानवर खेतों से दूर भागते हैं. ऐसे स्प्रिंकल बाजार में कुछ हजार में मिल जाते हैं.
अल्ट्रासोनिक रिपेलेंट डिवाइस- बाजार में ऐसी मशीनें आती हैं जो अल्ट्रासाउंड तकनीक पर काम करती हैं. ऐसी मशीनें किसी की मौजूदगी में अल्ट्रासोनिक साउंड निकालती हैं जिसे इंसान नहीं पकड़ सकता लेकिन जानवरों को यह बहुत परेशान करनी वाली होती है. इस मशीन को खेत में लगाने से फसलों की सुरक्षा हो सकती है.
हॉट पेपर स्प्रे- खेत के चारों और या मेड़ों पर हॉट पेपर स्प्रे का छिड़काव करना भी मदद देता है. इससे पशुओं में खुजली मचती है और वे पहली बार तो भागते ही हैं, दुबारा खेत तक बिल्कुल नहीं आते.
शानदार तकनीक
लाइट्स- खेत के आसपास ऐसी लाइटें लगाएं जो गतिविधि भांपते ही जल उठे. इससे आवारा पशुओं को भगाने में मदद मिलेगी.
टेप रिकॉर्डिंग- खेतों में रेडियो या टेप रिकॉर्डिंग को तेज आवाज में बजाएं. ऐसी रिकॉर्डिंग बजाएं जिससे पशुओं में डर पैदा होता हो, आवाज तेज रखें जिससे जानवर भाग जाएं.
बाल या साबुन- फसलों के आसपास इंसानी बाल या साबुन बांध दें. इससे हिरण या अन्य जानवर (Stray animals) डर से भागते हैं. साबुन की महक ऐसे जानवरों को भगाती है.
अन्य कारगर उपाय
फसल का चयन- ऐसे फसल लगाएं जो पशुओं को कम पसंद हों या जिससे पशु दूर भागते हों.
रोपाई का समय- अगर आपके इलाके में आवारा पशु बहुत परेशान करते हैं तो खेती का तरीका बदलिए. ऐसे समय में फसल लगाएं जब पशु कम एक्टिव रहते हैं.
कांटेदार पौधे- खेतों के आसपास कांटेदार पौधे लगाएं, जैसे नागफनी या पाइराकैंथा. इससे जानवर खेत तक नहीं आएंगे.
रखवाली जानवर- रखवाली करने वाले जानवर पालकर आप फसलों की रखवाली कर सकते हैं. इनमें कुत्ते, गधे और लामा हो सकते हैं. ये जानवर दूसरे जानवरों को भगाने में मददगार हैं.
मिलजुल कर रखवाली- कई लोग मिलकर समूह बनाएं और बारी-बारी से खेतों के पट्टे की रखवाली करें. इसमें किसी एक किसान को लगातार रातभर नहीं जागना होगा. किसान दिन के हिसाब से शिफ्ट आपस में तय कर सकते हैं.