चूहे बर्बाद कर सकते हैं आपके गेहूं की फसल, इस आसान तरीके से करें बचाव
फसल तैयार होते ही खेतों में चूहे दिखाई देने लगते हैं, ऐसे में समय रहते चूहों पर नियंत्रण करना चाहिए. इन कुछ उपायों को अपनाकर किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं.
गेहूं की फसल तैयार होते ही उस पर खतरा मंडराने लगता है. गेहूं की फसल में कीड़ों से लेकर चूहों तक का प्रकोप रहता है. जिससे किसान भी चिंतित रहते हैं. चूहे फसलों को खाने से ज्यादा नष्ट कर देते हैं. ऐसे में गेहूं की फसल को चूहों से बचाना बेहद जरूरी है. आमतौर पर चूहों की चार प्रजातियां गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाती हैं. इनका प्रकोप जनवरी से मार्च-अप्रैल तक होता है. चूहे की आदत के अनुसार वह खाता कम है और बर्बाद ज्यादा करता है. ये बहुत चतुर प्राणी हैं; इनसे निपटने के लिए तरकीबें अपनाना जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं चूहों से बचने के लिए आसान तरकीबों के बारे में.
चूहों को भगाने का तरीका
खेत के चारों ओर घूमें और चूहों के सक्रिय बिलों का निरीक्षण करें.
रात के समय इन सक्रिय बिलों के पास बिना जहर वाले चारे (आटा, बेसन, तेल, गुड़) की टिकिया रखें और जांच लें कि गोलियां नष्ट हो गई हैं या नहीं.
उपरोक्त दो दिन तक करें. तीसरे दिन चारे में 2:17:1 के अनुपात में जिंक फास्फाइड, आटा व तेल मिलाकर गोलियां बना लें. हाथों में पॉलिथीन ग्लोब्स बांधकर काम करें.
इसके अलावा खेत में जगह-जगह मोटा गत्ता गाड़ दें ताकि रात के समय उल्लू उस पर बैठकर चूहों का शिकार कर सकें.
जहरीली गोलियों को गिनकर प्रयोग करें और बची हुई गोलियों को एकत्रित कर नष्ट करते रहें.
चूहों को दूर रखने के लिए जिंक फास्फाइड चोग, जिसे लोई के नाम से भी जाना जाता है वह बेहद कारगर है. किसान इसका इस्तेमाल कर खेतों से चूहों को दूर रख सकते हैं. आइए जानते हैं इसको बनाने का तरीका.
1 किलोग्राम बाजटे या ज्वार या टुटा हुआ गेहूं या इनका मिश्रण.
20 ग्राम खाने वाले वनस्पति तेल.
20 ग्राम पीसी हुर्ड चीनी.
25 ग्राम 80% ज़िंक फॉस्फाइड पाउडर.
सावधानी: इस मिश्रण को पानी से दूर रखें और हमेशा ताजा दवा का उपयोग करें. जिंक फास्फाइड को दो बार इस्तेमाल करने के बीच कम से कम 2 महीने का अंतराल होना चाहिए .
ब्रोमैडिओलोन का चोग को बनाने का तरीका-
1 किलोग्राम बाजटे या ज्वार या टुटा हुआ गेहूं या इनका मिश्रण
20 ग्राम खाने वाले वनस्पति तेल
20 ग्राम पीसी हुई चीनी
20 ग्राम 0.25% ब्रोमैडिओलोन का पाउडर.
इन दवाई को निर्धारित तरीके से तैयार कर खेतों में सूखे स्थानों पर रखें. या फिर उन्हें उन रास्तों पर रखें जहां से चूहे आपके खेतों में प्रवेश करते हैं या बाहर निकलते हैं.