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किसानों के लिए 21 हजार CRM मशीनों को मंजूरी, पराली मैनेजमेंट में पहले से इस्तेमाल हो रहीं 1.45 लाख मशीनें 

किसानों के लिए 21 हजार CRM मशीनों को मंजूरी, पराली मैनेजमेंट में पहले से इस्तेमाल हो रहीं 1.45 लाख मशीनें 

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 3 नवंबर तक पंजाब में कुल 4,132 सक्रिय आग की घटनाएं देखी गईं. राज्य में पिछले पांच दिनों में खेतों में आग लगने के 1,779 मामले सामने आए.

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पंजाब में इस साल अब तक किसानों ने 14 हजार से अधिक मशीनें खरीदकर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. पंजाब में इस साल अब तक किसानों ने 14 हजार से अधिक मशीनें खरीदकर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.

पंजाब के किसानों के लिए कृषि विभाग ने 21 हजार से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों (CRM) की मंजूरी दे दी है. जबकि, इस साल अब तक किसानों ने 14 हजार से अधिक मशीनें खरीदकर उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि इन मशीनों की खरीद पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही है.  उधर, ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं ने 4,000 का आंकड़ा पार कर लिया है. बीते दिन रविवार को राज्य में पराली जलाने की 216 नई घटनाएं हुई हैं. उधर, मोगा जिले में पराली जलाने में बढ़ते मामलों के चलते जिला प्रशासन ने 2 एसडीएम समेत करीब 14 अधिकारियों और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. 

पंजाब में 1.45 लाख सीआरएम मशीनों का इस्तेमाल

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि उनके विभाग ने 21,958 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि किसानों ने इस साल अब तक 14,587 मशीनें खरीद ली हैं, जिससे 2018 से राज्य में सीआरएम मशीनों की संख्या 1.45 लाख हो गई है. बता दें कि किसानों के लिए इन मशीनों पर सब्सिडी की दर लागत का 50 फीसदी और सहकारी समितियों और पंचायतों के लिए 80 फीसदी है.

पंजाब में पराली जलाने के मामले 4000 के पार

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 3 नवंबर तक पंजाब में कुल 4,132 सक्रिय आग की घटनाएं देखी गईं. राज्य में पिछले पांच दिनों में खेतों में आग लगने के 1,779 मामले सामने आए. आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 29 अक्टूबर को 219, 30 अक्टूबर को 110, 31 अक्टूबर को 484, 1 नवंबर को 587 और 2 नवंबर को 379 ऐसी घटनाएं हुईं. रविवार को दर्ज किए गए 216 नए मामलों में से संगरूर में 59 पराली जलाने की घटनाएं हुईं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं. अन्य जिलों में देखें तो फिरोजपुर में 26, मोगा और मानसा में 19-19 और तरनतारन में 18 खेतों में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं.

14 अधिकारियों-कर्मचारियों को नोटिस 

मोगा जिला प्रशासन ने रविवार को खेतों में आग लगने की घटनाओं को लेकर दो सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट और दो स्टेशन हाउस अफसरों समेत कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि मोगा में अब तक आग लगने की 87 घटनाएं सामने आई हैं. मोगा एसडीएम सारंगप्रीत सिंह औजला और बाघापुराना एसडीएम बेअंत सिंह सिद्धू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. निहाल सिंह वाला ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी रूपिंदर कौर, बाघापुराना एसएचओ जसवरिंदर सिंह, धर्मकोट एसएचओ जतिंदर सिंह, क्लस्टर अधिकारी सुखविंदर सिंह, मनमोहन सिंह, गांव भिंडर कलां नोडल अधिकारी प्रभदीप सिंह, राकेश कुमार, संजीवन कुमार, परगटजीत सिंह, बलविंदर सिंह, दविंदर सिंह और जगसीर सिंह को भी नोटिस जारी किए गए हैं. 

दोषी किसानों पर 1.72 लाख रुपये का जुर्माना 

जिला कमिश्नर ने कहा कि खेतों में आग लगाने वाले 61 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनके जमीन रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है. इसके अलावा दोषी किसानों पर 1,72,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 

146 नोडल अधिकारी तैनात 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुरूप धान की कटाई के बाद पराली जलाने से रोकने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टीमें लगातार गांवों की निगरानी कर रही हैं, उन्होंने कहा कि वह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय गांधी के साथ वह खुद खेतों का दौरा कर रहे हैं. घटनाओं को रोकने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 23 क्लस्टर अधिकारियों की देखरेख में 146 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं.

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