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जलवायु परिवर्तन: एक्सपर्ट बोले, खेती में अब हर छोटे काम के लिए भी जरूरी है मशीन, जानें वजह

जलवायु परिवर्तन: एक्सपर्ट बोले, खेती में अब हर छोटे काम के लिए भी जरूरी है मशीन, जानें वजह

पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. विशाल का कहना है कि जलवायु परिवर्तन में तापमान 30 डिग्री से 32 हो जाएगा तो हम उसके हिसाब से तैयारी कर लेंगे. लेकिन मौसम में जिस तरह का उतार-चढ़ाव आ रहा है फिलहाल उससे निपटने के लिए हमे खेती के तौर-तरीकों में ही बदलाव लाना होगा.  

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दवाई के छिड़काव में हो रहा है ड्रोन का इस्तेमाल. दवाई के छिड़काव में हो रहा है ड्रोन का इस्तेमाल.

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तो हमारे साइंटिस्ट काम कर ही रहे हैं, लेकिन मौसम के उतार-चढ़ाव से हमे खुद निपटना होगा. आज जिस तरह के हालात बन रहे हैं उसमे एक दिन बाद और एक घंटे के बाद मौसम में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसलिए खेती की परिभाषा में अब इंतजार जैसा शब्द खत्म हो गया है. अगर मौसम में नमी है तो हमे उसी वक्त खेत में बीज रोपने होंगे. अगर फसल पक चुकी है तो एक से दो दिन में फसल कट जानी चाहिए. वर्ना मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते चार-पांच महीने की मेहनत एक दिन में बर्बाद हो सकती है. 

इसीलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि वो खेती में मशीनों का इस्तेमाल बढ़ाएं. अगर किसी मशीन को खरीद नहीं सकते तो किराए पर भी ले सकते हैं और ग्रुप बनाकर भी खरीद सकते हैं. यह कहना है पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. विशाल का.

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पैसा और मेहनत दोनों बचाती है मशीन 

डॉ. विशाल ने किसान तक को बताया कि आज खेती के काम से जुड़ी हर तरह की मशीन बाजार में मौजूद है. इसका एक फायदा तो यह है कि मशीन से काम की स्पीड बढ़ जाती है. दूसरा मशीन मेहनत और पैसा दोनों बचाती है. अगर हम बीज की रोपाई मशीन से करते हैं तो वक्त और मेहनत दोनों ही बचती हैं. वहीं अगर फसल पर दवाई का छिड़काव मशीन से किया जाता है तो उससे पैसा भी बचता है और फसल को दवा की जितनी जरूरत है उतनी ही मशीन से निकलती है.

साथ ही फसल के हर एक हिस्से तक दवा पहुंचती है. वहीं इससे ऐसा भी नहीं होता है कि फसल पर कहीं एक जगह ज्यादा दवा चली जाए और दूसरी जगह कम. ऐसा होने से हमारी फसल में जांच के दौरान दवा की ज्यादा मात्रा भी नहीं आती है. आजकल तो ड्रोन से दवा का छिड़काव खूब हो रहा है. 

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खरीद नहीं सकते तो किराए पर और ग्रुप में ले सकते हैं मशीन 

डा. विशाल का कहना है कि अगर आप छोटे किसान हैं और आप बड़ी मशीनें खरीद नहीं सकते तो मशीन किराए पर ले सकते हैं. आज ऐसी कौनसी मशीन है जो किराए पर नहीं मिलती है. और सबसे बड़ी बात यह कि छोटे खेतों के लिए कम हॉर्स पावर की और बड़े खेतों के लिए ज्यादा हॉर्स पावर की मशीनें बाजार में मौजूद हैं. नई के साथ यह किराए पर भी मिल रही हैं. अगर आप मशीन खरीद सकते हैं तो अपना काम करने के साथ उसे किराए पर भी चला सकते हैं. इससे दोहरी इनकम हो जाएगी. मशीन खरीदने के लिए सरकार लोन समेत सब्सिडी भी दे रही हैं.