महंगाई इतनी तेजी से बढ़ रही है कि नया ट्रैक्टर लेना ज्यादातर किसानों के बजट से बाहर जा चुका है. यही वजह है कि किसान अब सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेना पसंद कर रहे हैं. मगर सस्ते तो सेकेंड हैंड ट्रैक्टर भी नहीं बचे हैं, लिहाजा इन्हें भी खरीदते वक्त आपको अच्छे से मोलभाव करना आना चाहिए. अगर आपको मोलभाव करने के सही तरीके पता होंगे तो सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेते वक्त बहुत पैसे बचा लेंगे. लिहाजा आज हम आपको बहुत सारी ऐसे ट्रिक्स बता रहे हैं जिनके दम पर आप पुराने ट्रैक्टर की डील करते वक्त खूब बचत कर पाएंगे.
सबसे पहली बात तो ये है कि सेकेंड हैंड ट्रैक्टर जब भी लेने जाएं तो कभी अकेले ना जाएं. हमेशा अपने साथ कोई एक साथी किसान लेकर जाएं जो ट्रैक्टर के बारे में अच्छी समझ रखता हो. साथ में अगर अपना भरोसेमंद मिस्त्री लेकर जाएंगे तो और भी बेहतर रहेगा. ये मिस्त्री ट्रैक्टर में वो चीजें भी देख लेगा जिन्हें आप नहीं चेक कर पाएंगे. मिस्त्री ही इस ट्रैक्टर में बहुत सारी बारीक कमियां ढूंड पाएगा.
हमेशा ट्रैक्टर की कुल रकम का छोटा सा हिस्सा अलग निकालकर दूसरे साथी के पास रख दें और मुख्य रकम को अपने पास रखें. जैसे कि आप 2 लाख रुपये का ट्रैक्टर लेने जा रहे हैं तो 25 हजार रुपये अलग निकालकर साथी को दे दें और अपने पास 1.75 लाख रुपये ही रखें. जब भी ट्रैक्टर का मोलभाव होगा तो सामने वाले को यही संदेश जाएगा कि आपके पास वाकई बजट कम ही है.
जब ट्रैक्टर ले रहे हों तो इसके मालिक से पहले ही सारे कागज निकलवा लें. बीमा और रजिस्ट्रेशन पर के कागजों को पूरा समय देकर पढें. अगर ट्रैक्टर का बीमा अगले कुछ ही दिनों या एक-दो महीने बाद खत्म होने वाला हो तो इस बात पर आप बीमा की रकम के बराबर पैसे कम करा सकते हैं. इसी के साथ रजिस्ट्रेशन में ये देख लें कि इसमें लोन देने वाले बैंक का नाम तो नहीं है. अगर ट्रैक्टर लोन पर लिया गया होगा और लोन खत्म होने के बाद बैंक से NOC नहीं ली गई होगी, तो इसका रजिस्ट्रेशन अपने नाम पर करवाने में बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे और आपका पैसा भी खूब खर्च होगा.
आप सेकेंड हैंड ट्रैक्टर लेते वक्त ये भी चेक करें कि कहीं इसपर कोई चालान ना हो. जब इसका रजिस्ट्रेशन पेपर देख रहे हों तो अपने फोन पर ऑनलाइन इस ट्रैक्टर की डिलेट्स डालकर सरकारी वेबसाइट पर सारे चालान चेक कर लें. अगर ट्रैक्टर पर चालान हुए तो इन चालान के बराबर पैसे तो आराम से कम करवाए जा सकते हैं. पुराना ट्रैक्टर लेते वक्त ज्यादातर किसान यही गलती करते हैं और ट्रैक्टर अपने नाम पर ट्रांसफर करवाते वक्त उन्हें इस गलती का एहसास होता है. इसी दौरान ट्रैक्टर के अपने नाम पर ट्रांसफर करने का पैसा कौन भरेगा या दोनों पक्ष आधी-आधी कीमत चुकाएंगे, ये भी पहले ही तय कर लें.
ट्रैक्टर लेते वक्त इसे अच्छे से चलाकर चेक करें. इसके सारे पुर्जों पर गौर करें कि कहां-कहां जंग लग रही है और कहां-कहां वेल्डिंग कराई गई है. मोलभाव करने में ये चीजें काम आएंगी. साथ में इस ट्रैक्टर को जब स्टार्ट करेंगे तो इसके धुएं पर भी गौर करें कि ये किस रंग का धुआं दे रहा है और कितनी देर तक धुआं दे रहा है. अगर धुआं काला है और देर तक आ रहा है तो इंजन में कुछ कमी है. वहीं अगर सफेद धुआं आ रहा है तो भी इंजन में बड़ा काम हो सकता है. साथ में जो मिस्त्री लेकर जाएंगे वो आपको बहुत सारी ऐसी कमियां ढूंढकर देगा जिससे आप अच्छा मोलभाव कर सकते हैं. इस ट्रैक्टर की बैटरी और टायर भी चेक करें, अगर ये खराब कंडीशन में हैं तो कई हजार रुपये कम करा सकते हैं.
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