Farmer Registry: घर बैठे मोबाइल से कैसे बनाएं फार्मर आईडी? PM Kisan का पैसा पाने के लिए जरूरी है ये काम
किसान रजिस्ट्री कराने के कई फायदे हैं. फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के हकदार होते हैं और उन्हें सालाना 6000 रुपये मिलते हैं. सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ लेने के लिए भी फार्मर रजिस्ट्री जरूरी है. इसमें खाद, बीज और अन्य कृषि सब्सिडी शामिल हैं. फार्मर रजिस्ट्री के जरिये किसान फसल बीमा और लोन माफी योजनाओं का फायदा ले सकते हैं.
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वेब पोर्टल upfr.agristack.gov.in के जरिए किसान से फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं.
अगर आप PM Kisan Samman Nidhi योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो फार्मर रजिस्ट्री तुरंत करा लेनी चाहिए. यूपी में इसकी डेडलाइन 31 जनवरी है. उधर सरकार ने ऐलान कर दिया है कि 24 फरवरी को पीएम किसान की 19वीं किस्त जारी की जाएगी. किसानों को सलाह दी गई है कि उसके पहले वे अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा लें. पीएम किसान के अलावा अन्य कृषि योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री कराना जरूरी है. फार्मर रजिस्ट्री के जरिये किसानों को एक खास तरह की किसान आईडी मिलती है जिसके जरिये वे पीएम किसान सहित अन्य योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.
नए नियम के मुताबिक, पीएम किसान स्कीम में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसान की फार्मर आईडी जरूरी है. इसी आईडी के आधार पर पीएम किसान स्कीम का लाभ मिलेगा. फार्मर आईडी या किसान आईडी आधार नंबर की तरह होता है जिसमें किसानों की कई डिटेल्स दर्ज होते हैं. किसान के जमीन की रिकॉर्ड, जनसांख्यिकी, फसलों की जानकारी आदि के बारे में फार्मर आईडी में डिटेल्स दर्ज होती है. अभी देश के 10 राज्यों में पीएम किसान के लिए फार्मर आईडी देना अनिवार्य किया गया है. इन राज्यों में तेजी से फार्मर आईडी बनाने का काम चल रहा है.
यूपी में 4 तरीके से बनाएं फार्मर आईडी
उत्तर प्रदेश में फार्मर आईडी बनाने के लिए किसान ऐप और वेबसाइट का सहारा ले सकते हैं. यहां किसान चार अलग-अलग तरीके से फार्मर आईडी बना सकते हैं. ये चार तरीके निम्नलिखित हैं-
गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और 'फार्मर रजिस्ट्री यूपी' सर्च करें.
फार्मर रजिस्ट्री नाम का ऐप दिखेगा जिसे डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा.
ऐप खोलें और साइन-अप ऑप्शन पर क्लिक करें.
अपना आधार नंबर दर्ज करें. ध्यान रखें कि आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए. अगर नहीं है तो फेशियल रिकॉग्निशन ऑप्शन को चुनें.
रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, उसे दर्ज करें.
एक बार आधार की डिटेल वेरिफाई होने के बाद ऐप आपका नाम, जन्म तारीख और एड्रेस अपने आप ले लेगा.
डिटेल्स को कंफर्म करें और नेक्स्ट पर क्लिक करें.
अब अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को अपडेट करें.
इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी आएगा जिसे दर्ज करना होगा.
अब जिला, तहसील, गांव, सर्वे या खसरा नंबर के साथ जमीन के स्वामित्व की जानकारी भरें.
सिस्टम के जरिये लैंड रिकॉर्ड की जानकारी को ऑटोमेटिक फेच होने दें.
अगर आपके आधार में घर का पता गलत है तो आप मैनुअल तरीके से पते को अपडेट करें.
अब जिला, गांव और पिन कोड को दर्ज करें.
राशन कार्ड या फैमिली आईडी नंबर हो तो दर्ज करें. यह स्टेप वैकल्पिक है लेकिन फार्मर आईडी जल्दी बनाने में कारगर है.
अब सभी डिटेल्स को ध्यान से पढ़ें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.
आधार नंबर और ओटीपी के जरिये ई-साइन फीचर का इस्तेमाल करें. ध्यान रखें कि आधार से लिंक मोबाइल नंबर एक्टिव होना चाहिए.
इतनी जानकारी देने के बाद आपकी फार्मर आईडी बन जाएगी.
अब फार्मर आईडी की पीडीएफ कॉपी डाउनलोड कर लें और उसे सेव करके भी रख लें ताकि आगे उसकी मदद ली जा सके.
फार्मर रजिस्ट्री का फायदा
किसान रजिस्ट्री कराने के कई फायदे हैं. फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना के हकदार होते हैं और उन्हें सालाना 6000 रुपये मिलते हैं. सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ लेने के लिए भी फार्मर रजिस्ट्री जरूरी है. इसमें खाद, बीज और अन्य कृषि सब्सिडी शामिल हैं. फार्मर रजिस्ट्री के जरिये किसान फसल बीमा और लोन माफी योजनाओं का फायदा ले सकते हैं. फार्मर आईडी बनने के बाद कृषि से जुड़ी योजनाओं में अलग-अलग डिटेल्स देने की जरूरत नहीं होगी. फार्मर रजिस्ट्री होने के बाद किसान की जमीन की पूरी जानकारी ऑनलाइन अपडेट हो जाती है जिससे कई तरह की जमीन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं.