दूध रोजाना हर घर में इस्तेमाल होता है. दूध का इस्तेमाल पीने के अलावा भी अलग-अलग तरह के डेयरी उत्पाद बनाने में भी किया जाता है. बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप दूध का उत्पादन उतनी तेजी से नहीं बढ़ रहा है. ऐसे में मांग के अनुरूप सभी को शुद्ध दूध उपलब्ध होना भी आसान नहीं है फिर भी सभी को दूध की आपूर्ति हो रही है. ऐसे में बाजार में उपलब्ध बहुत सारा दूध पीने योग्य नहीं है क्योंकि इसे यूरिया, डिटर्जेंट शुगर के साथ-साथ फॉर्मलीन जैसे रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है. ज्यादातर लोगों को दूध की शुद्धता की पहचान नहीं हैं. इसका मतलब है जानें अनजाने में लोग आज भी मिलावटी दूध पी रहे हैं जिसके चलते शरीर में कई खतरनाक बीमारियां भी पनप लगी है. लखनऊ स्थित भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के द्वारा एक ऐसी किट बनाई गई है जिसकी मदद से मिनट नहीं बल्कि सेकंडो में मिलावट का पता चल जाएगा. दूध में चाहे यूरिया मिला हो या बोरीक एसिड इस किट के माध्यम से मिलावट की पहचान बच्चा भी कर सकता है.
भारत में 20 फ़ीसदी से ज्यादा दूध मिलावट करके तैयार किया जाता है. ऐसे में भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने दूध में यूरिया, बोरिक एसिड ,डिटर्जेंट की पहचान करने के लिए एक किट बनाई है. इस किट की मदद से कोई भी व्यक्ति नकली दूध की पहचान कर सकेगा. भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की युवा वैज्ञानिक सृष्टि मेहरोत्रा ने बताया की पिछले कई वर्षों से दूध और सरसों के तेल की शुद्धता की पहचान करने के लिए किट पर काम किया जा रहा है. फिलहाल उन्होंने इस किट को तैयार कर लिया है. अगर दूध में यूरिया, बोरिक एसिड, डिटर्जेंट की मिलावट होगी तो इस किट के माध्यम से तुरंत पता लगाया जा सकता है. इस स्ट्रिप पर जैसे ही दूध की एक बूंद डालकर हम चेक करते हैं अगर दूध में किसी तरह की मिलावट है तो कलर तुरंत चेंज हो जाएगा. कलर बदलते ही आप समझ जाएंगे की दूध में मिलावट है. हालांकि यह किट अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है. फिलहाल यह किट बाजार में जल्द आ सकती है.
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दूध में डिटर्जेंट , यूरिया, फॉर्मलीन जैसे खतरनाक केमिकल की मिलावट होती है. मिलावट से लोगों की जान ही नहीं जा रही है बल्कि उन्हें गंभीर बीमारियां भी जकड़ रही हैं. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वर्ष 2025 तक अगर मिलावट होती रही तो 27% भारतीयों को कैंसर हो सकता है. मिलावट खोर दूध को गाढ़ा बनाने और उन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए स्टार्च, ग्लूकोज और बोरिक एसिड जैसी खतरनाक केमिकल का प्रयोग करते हैं जिसका स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है. लंबे समय तक मिलावटी दूध का प्रयोग करने से न सिर्फ कैंसर हो सकता है बल्कि लीवर और किडनी पर भी इसका गंभीर असर होगा.
दूध में यूरिया मिलने से दूध का रंग नहीं बदलता है बल्कि यह गाढ़ा हो जाता है. यूरिया एक गंधहीन, जहरीला और एक ऐसा केमिकल है जिसमें कोई स्वाद नहीं होता है. ज्यादातर मिलावट खोर दूध को लंबे समय तक खराब न होने देने और उसे गाढ़ा रखने के लिए यूरिया का प्रयोग करके ज्यादा मुनाफा कमाते हैं.
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