AVPL शिक्षा संस्थानों में युवाओं को देगा ड्रोन ट्रेनिंग, AICTE ने बनाईं 47 एयरोविजन ड्रोन लैब 

AVPL शिक्षा संस्थानों में युवाओं को देगा ड्रोन ट्रेनिंग, AICTE ने बनाईं 47 एयरोविजन ड्रोन लैब 

ड्रोन मैन्यूफैक्चरर एवीपीएल इंटरनेशनल की संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू ने कहा कि इन लैब को ड्रोन तकनीक में एक कुशल इकोसिस्टम बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह ड्रोन पायलटिंग के साथ ही असेंबली, मरम्मत और उन्नत तकनीकी भूमिकाओं के लिए भी प्रोफेशनल तैयार करेगी.

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AVPL शिक्षा संस्थानों में युवाओं को देगा ड्रोन ट्रेनिंग, AICTE ने बनाईं 47 एयरोविजन ड्रोन लैब एवीपीएल इंटरनेशनल का एआईसीटीई के साथ एयरोविजन ड्रोन लैब बनाने का करार.

कृषि क्षेत्र में तेजी से ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है. कीटनाशक छिड़काव से लेकर फसल निगरानी समेत कई कार्य ड्रोन के जरिए किए जा रहे हैं. अब ड्रोन कंपनियां युवाओं को भी ट्रेनिंग देने के लिए कदम बढ़ा रही हैं. इसी कड़ी में दिग्गज ड्रोन मैन्यूफैक्चरर कंपनी एवीपीएल इंटरनेशनल (AVPL International) का अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ युवाओं को ड्रोन ट्रेनिंग देने का करार हुआ है. इसके लिए शिक्षा संस्थानों में एयरोविजन ड्रोन लैब बनाई गई हैं. इन लैब्स में एवीपीएल इंटरनेशनल युवाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग, मेंटीनेंस समेत सभी तरह की ट्रेनिंग देगी और उन्हें प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे. 

47 संस्थानों में एयरोविजन ड्रोन लैब  

तकनीकी शिक्षा और नवाचार को सशक्त बनाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एवीपीएल इंटरनेशनल कंपनी के साथ मिलकर देश भर में एआईसीटीई अनुमोदित संस्थानों में 47 एयरोविजन ड्रोन लैब लॉन्च किया है. यह छात्रों और शिक्षकों को ड्रोन तकनीक में व्यावहारिक ज्ञान और अत्याधुनिक कौशल से लैस करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण पहल है जो इस उभरते हुए क्षेत्र में भारत के नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त करती है. इनमें से एक संस्थान दमन और दीव से भी है. यह देश के हर क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

युवाओं को मिलेगी ड्रोन ट्रेनिंग 

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि मुझे इस दूरदर्शी पहल के पहले चरण के लिए चुने गए पहले 47 संस्थानों को मान्यता देते हुए खुशी हो रही है. इस पहल में दमन और दीव का शामिल होना विशेष रूप से उल्लेखनीय है. साथ मिलकर हम न केवल भविष्य के साथ तालमेल बैठा रहे हैं, बल्कि इसे सक्रिय रूप से आकार दे रहे हैं और भारत के “उन्नत और विकसित भारत” के दृष्टिकोण में योगदान दे रहे हैं. एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने ड्रोन तकनीक को सीखने के लिए देश भर के संस्थानों से मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा, “टियर 2 और टियर 3 शहरों सहित हर राज्य और क्षेत्र के संस्थानों ने इस अवसर को उत्सुकता से अपनाया है. 47 संस्थानों का चयन देश भर में एक इनोवेशन ईकोसिस्टम बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

बढ़ते उद्योग में वर्कफोर्स को पूरा करेंगी ये लैब्स 

ड्रोन मैन्यूफैक्चरर एवीपीएल इंटरनेशनल की संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रीत संधू ने कहा कि इन लैब को ड्रोन तकनीक में एक कुशल इकोसिस्टम बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह ड्रोन पायलटिंग के साथ ही असेंबली, मरम्मत और उन्नत तकनीकी भूमिकाओं के लिए भी पेशेवरों को तैयार करेगी. यह पहल तेजी से बढ़ते उद्योग में कुशल प्रतिभाओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगी. 

इन लैब का शुभारंभ भविष्य के लिए तैयार, नवाचार संचालित वर्कफोर्स तैयार करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है. शिक्षा में उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके, एआईसीटीई और एवीपीएल इंटरनेशनल छात्रों और संस्थानों को तकनीकी प्रगति की अगली लहर का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहे हैं, जिससे ड्रोन प्रौद्योगिकी में ग्लोबल लीडर के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है.

ड्रोन लैब की ये होंगी विशेषता

  1. डीजीसीए प्रमाणित कार्यक्रम: ड्रोन पायलट प्रमाणन, किसान ड्रोन ऑपरेटर प्रशिक्षण और ड्रोन तकनीशियन पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण. 
  2. सरकार द्वारा प्रायोजित पहल: ड्रोन प्रशिक्षण की पहुंच का विस्तार करने के लिए नमो ड्रोन दीदी जैसे प्रभावशाली कार्यक्रम शामिल हैं. 
  3. क्षेत्रीय सहायता केंद्र: चयनित संस्थान ड्रोन रखरखाव और सेवाओं के लिए तकनीकी केंद्र के रूप में काम करेंगे.
  4. अनुसंधान और नवाचार: सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले लैब नवाचार को बढ़ावा देने और ड्रोन प्रौद्योगिकी में नए अनुप्रयोगों का पता लगाने के लिए अनुसंधान केंद्रों के रूप में विकसित होंगे.

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