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ड्रोन दीदी ने बताया किसानों को कैसे फायदा पहुंचा रहा ड्रोन, पीएम मोदी ने की तारीफ

ड्रोन दीदी ने बताया किसानों को कैसे फायदा पहुंचा रहा ड्रोन, पीएम मोदी ने की तारीफ

उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहने वाले ड्रोन दीदी सुनीता ने पीएम मोदी को बताया कि उनके परिवार में दो बच्चे, पति और मां हैं. सुनिता घर के खर्च को चलाने के लिए खेती-बाड़ी करती हैं. उन्होंने बताया कि  उन्हें ड्रोन कि ट्रेनिंग फूलपुर IFFCO कंपनी  में हुआ था. ट्रेनिंग के दौरान पहले उन्हें थ्योरी पढ़ाई गई थी फिर दो दिन ड्रोन के अलग-अलग पार्ट के बारे में बताया गया था.

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ड्रोन दीदी योजना ड्रोन दीदी योजना

खेती को आधुनिक तरीकों से करने के लिए केंद्र सरकार किसानों को प्रेरित कर रही है. इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है. योजना से जुड़ी ड्रोन दीदी सुनीता और कल्याणी  ने पीएम मोदी को रेडियो कार्यक्रम मन की बात में बताया कि किसान बारिश, धूप के दौरान छांव में बैठकर ड्रोन के जरिए खेती के काम कर सकते हैं. ड्रोन की मदद से दवा छिड़काव आदि काम में लगने वाला कई घंटों का समय घटकर 30 मिनट बचा है.  

ड्रोन दीदी का कैसे हुआ ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहने वाले ड्रोन दीदी सुनीता ने पीएम मोदी को बताया कि उनके परिवार में दो बच्चे, पति और मां हैं. सुनिता घर के खर्च को चलाने के लिए खेती-बाड़ी करती हैं. उन्होंने बताया कि  उन्हें ड्रोन कि ट्रेनिंग फूलपुर IFFCO कंपनी  में हुआ था. ट्रेनिंग के दौरान पहले उन्हें थ्योरी पढ़ाई गई थी फिर दो दिन ड्रोन के अलग-अलग पार्ट के बारे में बताया गया. इसके बाद उनका टेस्ट लिया गया. फिर प्रेक्टिकल करवाया गया था. इसमें उन्हें बताया गया कि ड्रोन कैसे उड़ाना है और कैसे उसे कंट्रोल करना है. साथ ही उन्होंने बताया कि खेतों में उड़ा कर बताया गया कि कीटनाशकों और खाद का छिड़काव कैसे करना है.

किसानों को हो रहा फायदा

ड्रोन दीदी सुनीता ने बताया कि ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को फसल के उत्पादन में फायदा होता है. दरअसल कई बार किसानों को खेतों में घुसकर खाद या कीटनाशक डालने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ड्रोन बरसात के मौसम में दिक्कतें होती हैं क्योंकि किसान खेतों में घुस नहीं पाते  हैं, तो इसके माध्यम से बहुत फायदा किसानों को होगा और वहां खेत में घुसना भी नहीं पड़ेगा. वहीं उन्होंने कहा कि  जैसे आज मैं अकेले ड्रोन दीदी हूं. ऐसे ही हजारों बहनें आगे आएं और ड्रोन दीदी बने.इसके अलावा कल्याणी ने बताया कि वह वनस्पति वाले चीजों को  एकत्रित करके उससे जैविक स्प्रे बनाती हैं, जो खेती-किसानी में इस्तेमाल करने के लिए बेहतर हैं.

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क्या है ड्रोन दीदी योजना?

महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2024-25 से 2025-26 के दौरान 1261 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है. अनुमान है कि कृषि उद्देश्यों के लिए ड्रोन किराए पर लेकर महिला किसान सालाना 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती हैं. ड्रोन सब्सिडी के लिए देशभर से 15 हजार महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा.

क्या है योजना की खास बात?

  • ऐसी महिला स्वयं सहायता समूहों की पहचान की जाएगी जहां ड्रोन का उपयोग आर्थिक रूप से संभव है और विभिन्न राज्यों में पहचाने गए समूहों में 15,000 प्रगतिशील महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करने के लिए चुना जाएगा.
  • ड्रोन खरीदने के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन और सहायक उपकरण शुल्क का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपये केंद्रीय वित्तीय सहायता के रूप में दिए जाएंगे. इसके लिए एआईएफ लोन पर 3 प्रतिशत की दर से ब्याज छूट प्रदान की जाएगी.
  • महिला एसएचजी का एक सदस्य, जो पूरी तरह से योग्य है, जिसकी आयु 18 वर्ष और उससे अधिक है, को 15 दिनों के ड्रोन प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा. पांच दिनों की अनिवार्य ड्रोन पायलट ट्रेनिंग होगी. जबकि कृषि कार्य में पोषक तत्वों और कीटनाशकों के प्रयोग पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण होगा.
  • एसएचजी के परिवार के अन्य सदस्य जो विद्युत वस्तुओं, फिटिंग और यांत्रिक कार्यों की मरम्मत करने के इच्छुक हैं, उनका चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया जाएगा. उन्हें ड्रोन तकनीशियन या सहायक के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.