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किसान का कमाल, एक ही पौधे पर उगा दिए बैंगन और टमाटर, लोगों के लिए बना अजूबा

किसान का कमाल, एक ही पौधे पर उगा दिए बैंगन और टमाटर, लोगों के लिए बना अजूबा

किसान देवेंद्र दवंडे ने यू ट्यूब पर देखकर तमिलनाडु से टर्की बेरी (जंगली भंटा) के तीन पौधे मंगवाए थे. इसमें किसान देवेंद्र ने ग्राफ्टिंग कर बैंगन और टमाटर लगाए. इस तरह से एक ही पौधे में दो प्रकार की सब्जियां उग रही हैं. तीन माह पहले किसान ने पौधों की ग्राफ्टिंग की थी.

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एक ही पेड़ पर बैंगन और टमाटर एक ही पेड़ पर बैंगन और टमाटर

मध्य प्रदेश के बैतूल में एक किसान ने ऐसा कमाल किया कि लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं. किसान ने ऐसी तकनीक का उपयोग किया कि एक पेड़ में बैंगन (भंटा) और टमाटर एक साथ उगाए जा रहे हैं. इस पेड़ को लोग बड़े ही आश्चर्य से देख रहे हैं और इसे अजूबा मान रहे हैं. हालाकि कृषि वैज्ञानिक इसे ग्राफ्टिंग विधि मानते हैं. दरअसल बैतूल के खेड़ी गांव में रहने वाले किसान देवेंद्र दवंडे खेती में कुछ नया करने के लिए प्रयोग करते रहते हैं. इन प्रयोग में वे सोशल मीडिया का भी उपयोग करते हैं. देवेंद्र ने ऐसा ही एक प्रयोग किया जिसमें एक पेड़ में भंटा और टमाटर की दो वैरायटी पैदा हो रही है.

ग्राफ्टिंग करके लगाया पौधा

किसान देवेंद्र दवंडे ने यू ट्यूब पर देखकर तमिलनाडु से टर्की बेरी (जंगली भंटा) के तीन पौधे मंगवाए थे. इसमें किसान देवेंद्र ने ग्राफ्टिंग कर बैंगन और टमाटर लगाए. इस तरह से एक ही पौधे में दो प्रकार की सब्जियां उग रही है. तीन माह पहले किसान ने पौधों की ग्राफ्टिंग की थी. उसके परिणाम बेहतर आ रहे हैं.

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ग्राफ्टिंग करने के लिए दवंडे ने कृषि वैज्ञानिक से ट्रेनिंग ली. इसके बाद किसान ने जंगली बैगन का एक पौधा घर और दूसरा भैंसदेही रोड पर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में लगाया. प्रयोग के तौर पर पंचमुखी हनुमान मंदिर में जंगली बैगन में हरे बैगन और काले बैगन के पौधे की ग्राफ्टिंग की. इसके बाद हाइब्रिड टमाटर और देसी (छोटे) टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग की जिसके बाद अब उसमें सब्जियां लगने लगी हैं.

पौधा लंबे समय तक देता है उपज

किसान देवेंद्र ने बताया कि इस तरह की ग्राफ्टिंग से लगने वाले पौधों में साल भर में 50 से 100 किलो तक बैगन और 30 से 40 किलो तक टमाटर पैदा हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि टमाटर का पौधा साल भर फल नहीं देता इसलिए पैदावार कम होती है. उनका कहना है कि भंटे का विदेशी पौधा है जिस पर भंटे और टमाटर की ग्राफ्टिंग की है जिसके कारण एक ही पेड़ पर भंटे और टमाटर पैदा हो रहे हैं इसकी जड़ मजबूत होती है, जिसके कारण भंटा चार-पांच साल तक चलता है. वहीं टमाटर 8 महीने तक चलता है. यह पेड़ एक सैंपल के लिए तैयार किया है जिसे लोग देखने आ रहे हैं.

ग्राफ्टिंग वेरिफाइड है ये विधि

इस मामले को लेकर कृषि वैज्ञानिक आरडी बार पेठे का कहना है कि ग्राफ्टिंग वेरिफाइड विधि है. जो विकसित देश हैं, वहां के किसान इसे बड़े स्तर पर करके एक ही पौधे में चार प्रकार की फसल ले रहे हैं. ग्राफ्टिंग विधि में एक ही प्रजाति के पौधों की ग्राफ्टिंग की जाती है. इसमें टमाटर, भंटा, आलू और मिर्च एक ही प्रजाति के पौधे हैं, जो ग्राफ्टिंग के बाद आसानी से फल देते हैं.