सुपर सीडर मशीन ने बढ़ाई किसानों की सुविधाएं मध्य प्रदेश में जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय ने एक गजब की मशीन बनाई है. इस मशीन का नाम धान सीडर मशीन रखा गया है. इस मशीन की उपयोगिता को देखते हुए इसे जर्मनी से पेटेंट कराया गया है. दरअसल, यह मशीन धान की खेती में एक साथ कई काम करेगी. फिलहाल इस तरह की 5 धान सीडर मशीन ही बनाई गई है जिनका कई एशियाई देशों में प्रदर्शन किया जाएगा. उस आधार पर फीडबैक मिलने के बाद इसे दुनिया के बाजारों में उतारा जाएगा. इस गाड़ीनुमा मशीन का नाम है प्रिसिजन हिल सीडर.
धान की बुवाई में लगने वाले खर्च और मजदूरी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय ने यह मशीन तैयार की है. चूंकि यह मशीन एक साथ कई काम कर सकती है, इसलिए किसानों की लागत और मेहनत बचाने में इसका बहुत बड़ा रोल होगा. अभी यह मशीन केवल डेमो के लिए है जिसका प्रदर्शन देखने के बाद मार्केट में उतारा जाएगा. इस मशीन के जरिये बुवाई के अलावा खाद आदि देने का काम भी होगा. इससे किसानों की सुविधा बढ़ने के साथ ही बुवाई का काम आसान होगा.
यह ऐसी मशीन है जो खेती जुताई के साथ समान मात्रा में और जरूरी दूरी के हिसाब से बीज गिराएगी. इसी के साथ मशीन में खाद गिराने के लिए भी औजार लगे हैं जिससे किसान एक ही साथ जुताई, बीज वितरण और खाद डालने का काम कर सकेंगे. इस मशीन में 4 एचपी का एयर कूल्ड इंजन लगा है जो कभी गर्म नहीं होता. मशीन चलते वक्त उसका गर्म होना बड़ी समस्या होती है जिससे निजात दिलाने के लिए एयर कूल्ड इंजन लगाया गया है.
सबसे खास बात ये कि यह मशीन खेत में काम करते वक्त गर्म होकर बंद नहीं होती. साथ ही कम तेल में अधिक बुवाई का काम करती है. इस मशीन की दक्षता 80 परसेंट है जिससे एक घंटे में एक लीटर तेल की भी खपत नहीं होती है. इस मशीन की मदद से खादों को जरूरी मात्रा में छिड़काव, नाइट्रोजन का छिड़काव और मिट्टी को क्षरण होने से रोका जा सकता है.
मशीन की अन्य विशेषताओं की बात करें यह प्रति घंटा 1.7 किमी की रफ्तार लेती है. प्रति हेक्टेयर 21 किलो तक बीज डालती है. इस मशीन की मदद से खेत में प्रति हेक्टेयर 86 किलो तक खाद डाली जा सकती है. सबसे बड़ी बात कि प्रति घंटा एक लीटर तेल के खर्च में यह कई बड़े काम कर देती है. दुनिया में बड़े स्तर पर और अधिकांश हिस्से में धान की खेती होती है, उसे देखते हुए यह मशीन बहुत कारगर साबित हो सकती है. इससे खेती में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ेगा, साथ ही किसानों की सुविधाएं बढ़ेंगी.
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