बोकारो के क‍िसान ने खेतों में अपनाई ड्र‍िप इरिगेशन, कम लागत में हुआ अध‍िक मुनाफा

बोकारो के क‍िसान ने खेतों में अपनाई ड्र‍िप इरिगेशन, कम लागत में हुआ अध‍िक मुनाफा

ड्र‍िप इर‍िगेशन तकनीक के जरिए क‍िसान 70-80 फीसदी पानी की बचत कर सकते हैं. तो वहीं स‍िंचाई के ल‍िए अध‍िक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती, जबक‍ि फसलों को भी सटीक स‍िंचाई म‍िलती है.

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बोकारो के क‍िसान ने खेतों में अपनाई ड्र‍िप इरिगेशन, कम लागत में हुआ अध‍िक मुनाफाअधिकारियों को अपना खेत दिखाते ओम प्रकाश फोटोः किसान तक

कृषि एक ऐसा पेशा है, जहां पर आज के दौर में सफल होने के लिए तकनीक का सहारा लेना पड़ता है. इसके जरिए ही खेती में अधिक सफल हो सकते हैं. बोकारो जिले के पेटरवार के सलराखुर्द गांव के किसान ओम प्रकाश ने इसे साबित करके दिखा दिया है. जिन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन में खेती की शुरुआत की, बचपन से पारंपरिक खेती को देखा और पारंपरिक खेती का हिस्सा बने. लेक‍िन, फिर अब कृषि की आधुनिक तकनीक को अपनाया और खेती करने लगे. इस तरह से ओम प्रकाश आज एक सफल किसान हैं, जो साथ किसानों को भी सीखा रहे हैं.

किसान परिवार से संबंघ रखने वाले ओम प्रकाश का तो वेसे जीवन ही खेतों में ब‍ि‍ता है. लेक‍िन, पिछले पांच साल से सक्रिय तौर पर खेती कर रहे हैं. लगभग चार साल पहले उन्होंने आधुनिक खेती को अपनाया और ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेती करने लगे. उन्होंने बताया कि पहले वो मैनुअल खेती करते थे. लेक‍िन, इसके बाद उन्होंने आधनिक कृषि को अपनाया और फिर ड्रिप इरिगेशन के जरिए खेती करने लगे. ओम प्रकाश बताते हैं कि इस तकनीक से वह कम खर्च पर अध‍िक मुनाफा अपने खेतों से ले रहे हैं. 

ड्रिप इरिगेशन के फायदे

ओम प्रकाश ने बताया कि ड्रिप बोकारो जैसे जिले में जहां पर पानी का जलस्तर काफी नीचे हैं और सिंचाई की समस्या रहती है. ऐसे जगहों के लिए ड्रिप इरिगेशन किसी वरदान से कम नहीं है. इस तकनीक के जरिए 70-80 फीसदी पानी की बचत होती है. इससे किसान एक फसल अधिक लगा सकता है. मल्चिंग करने के मजदूरी का खर्चा भी कम हो जाता है. साथ ही सब्जियों की गुणवत्ता काफी अच्छी बनी रहती है. इसके अलावा ड्रिप इरिगेशन में समय की काफी बचत होती है. कृषि में इनपुट लागत घट जाती है और उत्पादन अधिक होता है, इससे किसानों को ड्रिप और मल्चिंग अपनाने से अधिक कमाई होती है. 

जैविक खेती करते हैं ओम प्रकाश

ड्रिप इरिगेशन को अपनाने के बाद ओम प्रकाश ने जैविक खेती की तरफ रुख किया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें जैविक खेती अपनाने के बाद परेशानी तो हुई पर अब अच्छा उत्पादन हासिल कर रहे हैं. ओम प्रकाश ने बताया कि कृषि करते हुए ही उन्होंने इससे संबंधित बिजनेस भी किया है. उन्होंने एक ड्रिप इरिगेशन कंपनी की ऐजेंसी ली है और किसानों को ड्रिप इरिगेशन से खेती करने के लिए जागरूक करते हैं, उन्होंने अब तक झारखंड के पांच जिलों में 200 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में ड्रिप इरिगेशन लगवाया है.

तकनीक मे आया है सुधार

ओम प्रकाश कहते हैं कि समय के साथ किसानों की तकनीक में सुधार हुआ है, इससे उत्पादन बढ़ा है. कृषि में विकास हुआ है.लेक‍िन, इसके साथ ही एक और समस्या आई है. अच्छी पैदावार होने के बाद भी किसानों को अच्छा मार्केट नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उन्हें बहेतर दाम नहीं मिल पाता है. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने की जरूरत है.

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