यूपी में राज्‍यसभा चुनाव, लोकसभा की तरफ भी है बड़ा इशारा, कैसे इंडिया ब्लॉक की मुसीबतें होंगी दोगुनी!

यूपी में राज्‍यसभा चुनाव, लोकसभा की तरफ भी है बड़ा इशारा, कैसे इंडिया ब्लॉक की मुसीबतें होंगी दोगुनी!

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी मंगलवार को वोट डाले जा रहे हैं. 15 राज्यों की इन 56 सीटों में से 41 पर निर्विरोध चुनाव हो चुका है. अब सारा खेल उत्तर प्रदेश, हिमाचल और कर्नाटक में हो रहा है जहां पर बाकी बची हुई सीटों के लिए ही चुनाव हो रहा है. मंगलवार को ही इन चुनावों के नतीजे आ जाएंगे.

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यूपी में राज्‍यसभा चुनाव, लोकसभा की तरफ भी है बड़ा इशारा, कैसे इंडिया ब्लॉक की मुसीबतें होंगी दोगुनी! राज्‍यसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी मंगलवार को वोट डाले जा रहे हैं. 15 राज्यों की इन 56 सीटों में से 41 पर निर्विरोध चुनाव हो चुका है. अब सारा खेल उत्तर प्रदेश, हिमाचल और कर्नाटक में हो रहा है जहां पर बाकी बची हुई सीटों के लिए ही चुनाव हो रहा है. मंगलवार को ही इन चुनावों के नतीजे आ जाएंगे. यूपी में राज्यसभा चुनाव पर सबकी नजर है. यहां बीजेपी ने 8वां उम्मीदवार उतारकर विपक्षी खेमे की धड़कनें बढ़ा दी हैं. राजनीति के जानकारों के मानें तो लोकसभा चुनावों से पहले हो रहे ये चुनाव एक बड़ा संकेत देते हैं, खासतौर पर यूपी में. भाजपा-राष्‍ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के समझौते की औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है. लेकिन मंगलवार को जो वोट डाले गए उनमें आरएलडी के सभी नौ विधायकों ने बीजेपी के उम्‍मीदवारों को ही वोट दिया है. 

जयंत चौधरी ने दिया समर्थन! 

बीजेपी ने सात सीटों पर आठ उम्‍मीदवार उतारे हैं. वोटिंग से पहले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई बैठक में भी आरएलडी के विधायक शामिल थे. राज्य की 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के आठवें उम्मीदवार की जीत की कुंजी आरएलडी विधायकों के पास हैं. आरएलडी के सभी नौ विधायकों ने रविवार को मथुरा में अपने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी से मुलाकात भी की थी. चौधरी चरण को भारत रत्‍न के ऐलान के बाद जयंत चौधरी की पार्टी राष्‍ट्रीय लोकदल (आरएलडी) पहले ही बीजेपी की तरफ समर्थन का इशारा कर चुकी है. माना जा रहा है कि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले आरएलडी का बीजेपी के लिए इस तरह से वोटिंग करना कहीं न कहीं एनडीए के लिए उसके समर्थन को भी बयां करता है.

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विधायकों ने छोड़ा अखिलेश का साथ 

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से आयोजित डिनर का बायकॉट कर दिया. इसके एक दिन बाद, राज्य विधानसभा में पार्टी के मुख्य नेता मनोज कुमार पांडे ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के संकेतों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जैसे ही राज्यसभा चुनाव में उनके क्रॉस-वोटिंग की संभावना बढ़ी, दो और विधायकों ने कहा कि वे अपनी 'अंतरात्मा' कीआवाज  को सुनेंगे और उसके अनुसार मतदान करेंगे. इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे भी पांडे की राह पर जा सकते हैं. इन दोनों विधायकों के विधानसभा क्षेत्र हाई-प्रोफाइल अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों के अंतर्गत आते हैं. 

मनोज पांडे का जाना बड़ा झटका! 

मनोज पांडे रायबरेली की ऊंचाहार सीट से मौजूदा विधायक हैं.  संभावित विद्रोही खेमे में एसपी के बाकी विधायकों में गौरीगंज विधायक (अमेठी) राकेश प्रताप सिंह, गोसाईगंज विधायक (अयोध्या) अभय सिंह, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी और अंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडे शामिल हैं.  मंगलवार को हुई घटनाओं के नतीजे इस साल अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों में इंडिया ब्लॉक की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. 

इस्तीफा देने वाले मनोज कुमार पांडे ने साल 2012 से ऊंचाहार सीट हासिल की है. उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी को तब शिकस्‍त दी थी जब बीजेपी ने राज्य में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया था. अगर वह  बीजेपी में शामिल होते हैं और उन्हें इस सीट से मैदान में उतारा जाता है, तो इससे रायबरेली में कांग्रेस की संभावनाओं को गंभीर नुकसान हो सकता है. रायबरेली उन 17 सीटों में से एक है, जिस पर वह यूपी के लिए सपा के साथ सीट-बंटवारे समझौते के तहत चुनाव लड़ने वाली है. 

दूसरे क्षेत्रों में होगा बगावत का असर? 

ऐसा माना जाता है कि कांग्रेस ने पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा खाली की गई सीट जीतने के लिए पांडे की लोकप्रियता पर भरोसा किया है. सपा की बगावत का असर अब अमेठी लोकसभा क्षेत्र पर भी पड़ सकता है. अमेठी से सटे निर्वाचन क्षेत्रों के दोनों ठाकुर नेताओं राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को कड़े मुकाबले में हराया था.  राज्यसभा की 10 सीटों में से बीजेपी ने 8 और समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं. 

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