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Farmers Income: लोकसभा चुनाव के बीच किसानों की आय डबल करने वाली रिपोर्ट सवालों के घेरे में, साख बचाने की कोशिश में जुटा ICAR

Farmers Income: लोकसभा चुनाव के बीच किसानों की आय डबल करने वाली रिपोर्ट सवालों के घेरे में, साख बचाने की कोशिश में जुटा ICAR

केंद्र सरकार ने 2016 से 2022 के बीच किसानों की इनकम डबल करने का दावा किया था. लेकिन, सरकार ने कोई रिपोर्ट नहीं निकाली तब संसद में विपक्ष ने इससे जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी. सरकार ने यह नहीं बताया कि 2016 में किसानों की इनकम कितनी थी और अब कितनी हो चुकी है, बल्कि आईसीएआर के इस रिपोर्ट का जिक्र करके बार-बार अपना बचाव किया. हालांकि अब यह रिपोर्ट ही सवालों के घेरे में खड़ी कर दी गई है. आखिर कैसे डबल होगी किसानों की आय?

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क्या डबल हुई किसानों की आय? क्या डबल हुई किसानों की आय?

किसानों की इनकम को डबल करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के लिए ढाल बनी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक रिपोर्ट अब सवालों के घेरे में है. आईसीएआर ने देश भर के ऐसे 75000 किसानों के ब्यौरे के साथ एक ई-बुक तैर की थी जिनकी इनकम डबल या उससे अधिक हो चुकी है. एक मीडिया रिपोर्ट में  इन्हीं में से कुछ किसानों से बातचीत करके  इस रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. इसके बाद आईसीएआर ने तथ्यों और आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित कर दी है, जो उन किसानों से बातचीत करके रिपोर्ट देगी जिनका जिक्र करके इस रिपोर्ट को सवालों के घेरे में खड़ा किया गया है. ये किसान गौतमबुद्ध नगर और गुरुग्राम के हैं. लोकसभा चुनाव के बीच किसानों की आय के मुद्दे पर शुरू हुआ यह विवाद कई मायने में अहम है. 

आईसीएआर दुनिया का सबसे बड़ा एग्रीकल्चर सिस्टम है. जिसका भारतीय कृषि में अहम योगदान है. हरित क्रांति को लाने और देश को अनाज सहित कई मामलों में आत्मनिर्भर बनाने में इस संस्था के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. लेकिन अब इसकी एक रिपोर्ट अगर सवालों के घेरे में है तो यह बहुत बड़ा मुद्दा है. इस पर कई सवाल खड़े हुए हैं कि इसे कैसे तैयार किया गया? बहरहाल, यह टीम हरियाणा के गुरुग्राम और उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जाकर उन किसानों से मिलेगी जिनके आधार पर इस रिपोर्ट पर सवालिया निशान खड़े किए गए हैं. बताया गया किसके बाद कृषि मंत्रालय को यह रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

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किस टीम में कौन है?

गुरूग्राम की टीम-एक की चेयरमैन भारती कृषि अनुसंधान संस्थान में एक्सटेंशन की पूर्व प्रमुख डॉ. प्रेमलता सिंह होंगी. उनके साथ दूसरे सदस्य कृषि विभाग में एडिशनल कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ. वाई आर मीणा होंगे.

गुरूग्राम मैं जांच करने जो दूसरी टीम जाएगी उसके चेयरमैन योजना आयोग के पूर्व सलाहकार डॉ वी वी सदामते होंगे. उनके साथ सदस्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में डायरेक्टर एसके मिश्रा होंगे.

गौतमबुद्ध नगर में जांच के लिए बनी टीम-एक के चेयरमैन जम्मू स्थित शेरे कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के पूर्व वाइस चांसलर डॉ जेपी शर्मा हैं. उनके जिनके साथ कृषि मंत्रालय के एडिशनल कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ संजय कुमार सदस्य हैं. 

गौतम बुद्ध नगर की दूसरी टीम में डॉ. एस के सिंह चैयरमैन हैं. उसके साथ कृषि मंत्रालय के ज्वाइंट कमिश्नर (एक्सटेंशन) डॉ वेणु प्रसाद सदस्य हैं. 

कब किया गया था इनकम डबल का दावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2016 को यूपी के बरेली में पहली बार किसानों की आय को डबल करने की बात कही थी. तब कहा था कि 2022 में जब देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब अन्नदाताओं की आय दोगुनी हो चुकी होगी. इसके बाद 13 अप्रैल 2016 को आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक दलवाई के नेतृत्व में डबलिंग फार्मर्स इनकम कमेटी का गठन किया गया. 

लेकिन दिसंबर 2022 बीतने के बाद भी जब सरकार ने किसानों की इनकम डबल करने की कोई रिपोर्ट नहीं निकाली तब संसद में विपक्ष ने इससे जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी. लेकिन सरकार ने यह नहीं बताया कि 2016 में किसानों की इनकम कितनी थी और अब कितनी हो चुकी है, बल्कि आईसीएआर के इस रिपोर्ट का जिक्र करके बार-बार अपना बचाव किया. हालांकि अब यह रिपोर्ट ही सवालों के घेरे में खड़ी कर दी गई है. इसके लिए गठित की गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी यह बता रही है कि आईसीएआर अपनी साख को लेकर कितना चिंतित है.

सिर्फ इतनी ग्रोथ पर कैसे डबल होगी आय?

नीति आयोग ने 2018 में ‘स्ट्रेटजी फॉर न्यू इंडिया @75’ नामक एक रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें दावा किया गया है कि 3.31 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि पर किसानों की आय दोगुनी करने में देश को 22 साल (1993-1994 से 2015-2016 ) लगे थे. इस हिसाब से 2015-16 से 2022-23 के तक किसानों की आय डबल करने के लिए वास्तविक आय में 10.4 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर की आवश्यकता होगी. 

जबकि सच तो यह है देश में कृषि की औसत विकास दर सालाना 5 फीसदी भी नहीं है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर किसानों की इनकम 2016 से 2022 के बीच में डबल हुई है या नहीं. सबको इस बात का इंतजार है कि सरकार इसे लेकर जल्द से जल्द कोई न कोई सर्वे जरूर करवाएगी. क्योंकि यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है.

लोकसभा चुनाव में मुद्दा

वर्तमान लोकसभा चुनाव में भी किसान और विपक्षी दल सरकार से किसानों की आय के मुद्दे पर सवाल पूछ रहे हैं. हालांकि एक कड़वा सच यह भी है कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने कम से कम यह सोचा तो कि किसानों की इनकम डबल करनी है, वरना चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर संयुक्त मोर्चा की, किसी ने इस बारे में कभी कोई लक्ष्य नहीं रखा था.

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