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गुजरात के सबसे कम उम्र के बीजेपी के उम्‍मीदवार हेमांग जोशी, वडोदरा के लिए पीएम मोदी की बने पहली पसंद 

गुजरात के सबसे कम उम्र के बीजेपी के उम्‍मीदवार हेमांग जोशी, वडोदरा के लिए पीएम मोदी की बने पहली पसंद 

गुजरात में वडोदरा लोकसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा दोबारा नामांकित किए जाने के बावजूद, वर्तमान सांसद रंजन भट्ट के हटने के बाद हेमांग जोशी को नहीं मालूम था कि पार्टी क्‍या फैसला लेने वाली है. 33 साल के हेमांग गुजरात में बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में उतारे गए सबसे कम उम्र के उम्‍मीदवार हैं.

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हेमांग जोशी गुजरात में सबसे कम उम्र के उम्‍मीदवार हैं हेमांग जोशी गुजरात में सबसे कम उम्र के उम्‍मीदवार हैं

गुजरात में वडोदरा लोकसभा सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा दोबारा नामांकित किए जाने के बावजूद, वर्तमान सांसद रंजन भट्ट के हटने के बाद हेमांग जोशी को नहीं मालूम था कि पार्टी क्‍या फैसला लेने वाली है. 33 साल के हेमांग गुजरात में बीजेपी की तरफ से चुनावी मैदान में उतारे गए सबसे कम उम्र के उम्‍मीदवार हैं.  होली पर वह अपनी पत्‍नी के साथ एक म्‍यूजिक प्रोग्राम में हिस्‍सा ले रहे थे जब उनके पास कई फोन कॉल्‍स आनी शुरू हो गईं. ये बधाई कॉल्‍स थीं और इनसे हेमांग जोशी को पता चला कि बीजेपी ने उन्हें वडोदरा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में चुना है. गुजरात से 26 सांसद चुनकर लोकसभा तक पहुंचते हैं. 

हर जिम्‍मेदारी उठाने का तैयार 

न्‍यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्‍यू में जोशी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से उन्‍हें दी जाने वाली हर बड़ी जिम्‍मेदारी को उठाने के लिए तैयार हैं.  जोशी का लक्ष्य 10 लाख से ज्‍यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल करना है. राज्य की सभी सीटों पर सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा. उन्‍होंने कहा, 'मैंने टिकट पाने के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था. यह मेरे लिए बेहद आश्चर्य की बात थी.'  जबकि अन्य सीटों के लिए जीत का अंतर लक्ष्य पांच लाख वोट है, राज्‍य के बीजेपी मुखिया सीआर पाटिल ने वडोदरा में इसे 10 लाख का टारगेट तय किया है.  उन्हें फॉक्स स्‍टोरी इंडिया की तरफ से 40 साल से कम उम्र के भारत के 40 यंग लीडर्स की लिस्‍ट में शामिल किया गया है. 

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स्‍टूडेंट लीडर रहे हैं जोशी 

रंजन भट्ट ने साल 2014 में पीएम मोदी की तरफ से छोड़ी गई वडोदरा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत मिली थी. वह साल 2019 में फिर से जीती थीं लेकिन स्थानीय बीजेपी यूनिट में उन्‍हें आंतरिक विद्रोह का सामना करना पड़ा.  इसके कारण उन्होंने पिछले महीने चुनाव से हटने का फैसला किया. स्‍टूडेंट लीडर रहे जोशी को उनकी घोषणा के एक दिन बाद उम्मीदवारी के लिए चुना गया था. लेकिन जैसे ही उनका नामांकन आधिकारिक हुआ, उन्हें पार्टी के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व से समर्थन की पेशकश करने वाले कई फोन आए. 

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पीएम मोदी के लिए युवाओं को अहमियत 

जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि वह 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में देश की युवा आबादी को एकजुट करने के मोदी सरकार के प्रयासों का प्रतिनिधित्व करते हैं. जोशी ने बताया कि जब पीएम मोदी ने 'संकल्प पत्र' (घोषणापत्र) लॉन्च किया, तो उन्होंने कहा कि यह देश के युवाओं की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को दर्शाता है. उनका कहना था, 'संकल्प पत्र में ऐसे कई बिंदु हैं जो आज से एक सदी बाद भी प्रासंगिक रहेंगे. चार प्रमुख बिंदुओं - गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पीएम मोदी इस बात पर जोर देते हैं कि हम जो हासिल करना चाहते हैं, वह युवाओं पर निर्भर करता है.' 10 लाख वोटों से जीत के अंतर के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि वडोदरा पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है. 

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IIM से कर रहे हैं पढ़ाई 

नगरपालिका प्राथमिक विद्यालय बोर्ड के उपाध्यक्ष जोशी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य के तौर पर महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महासचिव के रूप में काम कर चुके हैं.  उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की है और इस समय लीडरशिप में पीएचडी कर रहे हैं. उनकी पत्‍नी एक मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करती हैं. बीजेपी ने साल 1998 से लोकसभा चुनावों में वडोदरा में अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा है. इस निर्वाचन क्षेत्र ने साल 1991 से तीन महिला सांसद चुनी हैं. जोशी का मुकाबला पद्रा के पूर्व विधायक, कांग्रेस के जसपालसिंह पढियार से है.