सीएम योगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2025-26 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद को लेकर सरकार की तैयारियां और नीतियां असर दिखा रही हैं. खासतौर पर धान, बाजरा और ज्वार की सरकारी खरीद में न सिर्फ मात्रा बढ़ी है, बल्कि किसानों की भागीदारी भी पहले के मुकाबले ज्यादा देखने को मिल रही है. योगी सरकार का फोकस इस बार साफ तौर पर पारदर्शिता, तेज भुगतान और किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने पर रहा है.
धान खरीद की बात करें तो इस साल अब तक 4,09,444 किसान सरकारी खरीद प्रणाली से जुड़ चुके हैं. पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 3,73,840 थी. यानी हजारों नए किसान इस व्यवस्था पर भरोसा जताते हुए अपनी उपज सीधे सरकारी केंद्रों पर बेच रहे हैं. कुल धान खरीद का आंकड़ा 25 लाख मीट्रिक टन के पार पहुंच चुका है, और MSP पर खरीद का दायरा लगातार बढ़ रहा है.
एक सरकारी बयान में कहा गया कि राज्य सरकार ने खरीद व्यवस्था को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को मजबूत किया गया है. किसान पंजीकरण, सत्यापन और तौल से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया डिजिटल होने से बिचौलियों की भूमिका लगभग खत्म हो गई है. अब तक 5,569.97 करोड़ रुपये किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं, जिससे भुगतान में देरी की शिकायतें काफी हद तक कम हुई हैं.
प्रदेश में धान खरीद के लिए इस साल 4,743 क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. यह संख्या पिछले साल के मुकाबले अधिक है, जिससे किसानों को अपने गांव या आसपास के क्षेत्र में ही फसल बेचने की सुविधा मिल रही है. इससे परिवहन लागत भी घट रही है और समय की बचत हो रही है. 19 दिसंबर 2025 तक 8,82,988 किसानों ने धान के लिए पंजीकरण कराया है, जिनमें से 6,68,698 किसानों का सत्यापन पूरा हो चुका है. पिछले साल इसी समय तक 7,13,600 पंजीकरण और 6,10,135 सत्यापन हुए थे.
धान के साथ-साथ मोटे अनाजों की खरीद में भी अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बाजरे की खरीद इस वर्ष 1,72,109.30 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 81,058.91 मीट्रिक टन था. बाजरा बेचने वाले किसानों की संख्या भी बढ़कर 41,568 हो गई है, जो बीते वर्ष 15,096 थी.
ज्वार की खरीद में भी सुधार दिखा है. चालू वर्ष में 26,448.60 मीट्रिक टन ज्वार की सरकारी खरीद की गई है. इसमें 7,814 किसान शामिल हुए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक हैं. ज्वार किसानों को अब तक 91.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इसके लिए प्रदेश में 82 ऑनलाइन क्रय केंद्र संचालित किए गए हैं.
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