यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों के साथ गेहूं, दलहन, तिलहन, ज्वार एवं बाजरा की सरकारी खरीद की समीक्षा की. उन्होंने खरीद के लक्ष्य को पूरा करने और किसानों की पूरी उपज की खरीद सुनिश्चित करने और खरीद से 3 दिन के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि यूपी में गत 01 अप्रैल से रबी फसलों की सरकारी खरीद शुरू होने के बाद किसानों की मंडी में आवक कम रही. मार्च में हुई बेमौसम बारिश के कारण गेहूं की खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ था. इस वजह से कटाई में देरी होने से सरकारी खरीद के शुरुआती दौर में प्रदेश की मंडियों में सन्नाटा पसरा रहा. अप्रैल के अंतिम सप्ताह के बाद सरकारी खरीद में तेजी देखने को मिली. इसके मद्देनजर सरकार ने इस कवायद की समीक्षा कर है.
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई हैं, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने खरीद प्रक्रिया के यूआरएस मानक में ढील दे कर किसानों से कम गुणवत्ता वाला गेहूं भी खरीदने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में किए गए इस फैसले के फलस्वरूप खरीदे गए गेहूं की गुणवत्ता में कमी (वैल्यू कट) के कारण इसकी कीमत में आई गिरावट से किसानों को बेअसर रखना होगा.
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मिश्र ने कहा कि इसका व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा. उन्होंने सभी जिला प्रशासन से किसानों को इस सहूलियत से अवगत कराने के लिए इसका व्यापक प्रचार प्रसार कराने को कहा. उन्होंने कहा कि इस साल सरकार ने मोबाइल क्रय केन्द्रों के माध्यम से भी गेहूं की खरीद करने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी सहूलियताें से किसानों को अवगत कराने के लिए इनका व्यापक प्रचार प्रसार हो.
मुख्य सचिव ने किसानों से उपज की खरीद को लेकर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ खरीद के बाद भुगतान प्रक्रिया को भी दुरुस्त करने को कहा, जिससे किसानों को भुगतान के लिए 3 दिन से ज्यादा इंतजार न करना पड़े. उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद के लिये किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन की गति तेज करने की जरूरत है. मिश्र ने सभी क्रय केंद्र समय से खोले जाने और इन पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए समय समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कराने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि सभी खरीद केन्द्र प्रभारियों की प्रतिदिन ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाये.साथ ही उपज की खरीद के बाद किसानों को 3 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए. मिश्र ने इस बात का भी ध्यान रखने को कहा कि जिन मंडियों में उपज का बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम है, उनमें नये सरकारी क्रय केन्द्र खोलकर उस क्षेत्र के किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाया जाए.
यूपी सरकार के खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में रबी फसलों की उपज के 6 हजार क्रय केन्द्र शुरू करने के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 5729 क्रय केन्द्र खोलने का अनुमोदन दिया जा चुका है. मीना ने बताया कि सरकारी खरीद के लिए अब तक 1,48,389 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया है. इनमें से 1,21,950 के पंजीकरण का सत्यापन हो चुका है.
उन्होंने बताया कि अभी तक 4381 क्रय केन्द्रों पर रबी फसलों की सरकारी खरीद हो रही है. इसके माध्यम से 31,105 किसानों से 1.37 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इसके एवज में किसानों को अब तक 240.65 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है.
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मिश्र ने कहा कि गेहूं की सरकारी खरीद के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के काम में पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों का सहयोग भी लिया जा सकता है. उन्होंने सरकारी खरीद केन्द्रों पर किसानों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा कि गेहूं की खरीद का ग्राफ बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी, स्थानीय स्तर पर कोई अच्छी रणनीति भी अपना सकते हैं.
मुख्य सचिव ने कहा कि इस साल प्रदेश में ज्वार और बाजरा का एमएसपी भी बेहतर है. इसके मद्देनजर सरकार ने इस साल 5 लाख टन ज्वार एवं बाजरा की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए किसानों को इन फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित भी किया जाए.
मिश्र ने कहा कि जिन जिलों की मंडियों में दलहन एवं तिलहन फसलों में चना, मसूर और सरसों की आवक अधिक है और मंडियों का भाव एमएसपी से कम या बराबर है, वहां पर आवश्यकतानुसार नये क्रय केन्द्र खुलवा कर इनकी ज्यादा से ज्यादा खरीद की जाए. इसके लिए किसानों को इन फसलों का उचित मूल्य दिलाने हेतु उन्हें क्रय केन्द्र पर इन्हें बेचने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है.
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