उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने किसान की हत्या करने से पहले उसे जान से मारने की धमकी दी थी. इस धमकी के बाद किसान ने संबंधिक थाने में जाकर पुलिस के पास लिखित शिकायत भी दर्ज की थी और धमकी देने वाली मोबाइल रिकॉर्डिंग भी सुनाई थी. पर पुलिस ने किसान की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपियों ने किसान की गोली मार कर हत्या कर दी. इतना ही नहीं गोली मारने के बाद आरोप मृतक किसान से मोबाइल भी छीनकर ले गए, जिसमें धमकी वाली रिकॉर्डिंग मौजूद थी. अब इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी ने थाना प्रभारी औऱ हल्का दरोगा को सस्पेंड कर दिया है.
मृतक किसान का जबर सिंह बताया जा रहा है. बिजनौर पुलिस ने अगर किसान की शिकायत को गंभीरता से लिया होता शायद किसान की जान बच सकती थी. क्योंकि जबर सिंह ने पांच दिन पहले ही पुलिस से शिकायत की थी उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है है. जबर सिंह ने उनकी फोन रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सुनाई थी लिखित में शिकायत भी की थी लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने इसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और परिणाम यह हुआ कि सोमवार शाम उसके विरोधियों ने खुलेआम खेत पर काम करते समय उसकी गोली माकर हत्या कर दी.
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मामला बिजनौर के नहटौर के गांव खजुरा जाट का है. यहां के निवासी जबर सिंह का लंबे समय से अपने चचेरे भाईयों के साथ जमीन विवाद चल रहा था. उसके चचेरे भाइयों ने गांव में तालाब की जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिया था और जबर सिंह की जमीन पर भी कब्जा करना चाहते थे. जिसकी शिकायत लगातार जबर सिंह पुलिस और अधिकारियों से कर रहे थे. जबर सिंह कि शिकायतों से गुस्साए उसके चचेरे भाइयों अमरपाल, प्रताप,विकांशु,बबलू ओर कपिल ने फोन पर उसे एक हफ्ते के अंदर जान से मारने की धमकी दी थी. जिसकी रिकॉर्डिंग भी मृतक के पास थी और उसने इसकी लिखित शिकायत नहटौर थाने में दी थी.
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इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करने का आश्वासन देकर उसे घर भेज दिया था. लेकिन पुलिस ने इस धमकी को गंभीरता से नहीं लिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि 5:00 बजे शाम को खेत में काम करते समय धमकी देने वाले लोगों ने किसान जबर सिह की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. एसपी ने खुद मौके पर जाकर परिजनों से बात की और पूरे मामले की जानकारी हासिल की. परिजनों ने एसपी को बताया कि अगर पुलिस ने इस धमकी को गंभीरता से लिया होता तो आज जबर सिंह जिंदा होते. फिलहाल एसपी नीरज जादौन ने इस मामले में थाना प्रभारी सुशील कुमार और क्षेत्रीय दरोगा प्रशांत सिंह को सस्पेंड कर दिया है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है. इस घटना के बाद से किसानों में भी रोष व्याप्त है. (संजीव शर्मा की रिपोर्ट)
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