UP News: देश के कृषि सेक्टर का पॉवर हाउस बनेगा उत्तर प्रदेश, किसानों की कर्ज माफी से लेकर बहुत कुछ...

UP News: देश के कृषि सेक्टर का पॉवर हाउस बनेगा उत्तर प्रदेश, किसानों की कर्ज माफी से लेकर बहुत कुछ...

इसी सबका नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश की करीब 86 फीसद भूमि सिंचित है. एमएसपी पर गन्ना, धान और गेंहू की रिकॉर्ड खरीद से किसानों को मिली राहत किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती तैयार उपज के वाजिब दाम को लेकर रही है. 

Advertisement
UP News: देश के कृषि सेक्टर का पॉवर हाउस बनेगा उत्तर प्रदेश, किसानों की कर्ज माफी से लेकर बहुत कुछ...एमएसपी पर गन्ना, धान और गेंहू की रिकॉर्ड खरीद से किसानों को मिली राहत (Photo-Kisan Tak)

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्तर प्रदेश देश के कृषि क्षेत्र का पॉवर हाउस बने. प्रकृति ने इसके लिए सारे संसाधन (पानी, उर्वर भूमि, आबादी के रूप श्रम और बाजार) भी उपलब्ध कराएं. इनके बाद की जरूरतें होती हैं. फसली सीजन में समय से खेत की तैयारी और बोआई के लिए इनपुट, जरूरत पर सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता, फसल संरक्षा और सुरक्षा के लिए समय समय पर एक्सपर्ट की सलाह, फसल तैयार होने पर उनका वाजिब दाम. खेतीबाड़ी से जुड़े इन सभी मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही लगातार काम कर रही है.

किसानों का 36,000 करोड़ रुपए का कर्ज हुआ माफ

पहले कार्यकाल का सबसे बड़ा ऐतिहासिक काम रहा 86 लाख लघु और सीमांत किसानों का 36,000 करोड़ रुपए के कर्ज की माफी. वह भी सिर्फ अपने बलबूते. किसानों को ये सौगात तब दी गई जब सपा और बसपा के शासन काल के लूट खसोट के कारण प्रदेश का खजाना लगभग खाली था. 

इसके बाद तो किसानों के हित के मामले में सरकार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. केंद्र की मोदी सरकार इसमें लगातार मददगार रही. जिन लघु और सीमांत किसानों की योगी सरकार ने कर्जमाफी की थी. उनके सामने अब भी फसली सीजन में सबसे बड़ा संकट नकदी का ही था. नकदी न होने के कारण उनको फसली सीजन में समय पर खेत की तैयारी करने, खाद, बीज और सिंचाई का इनपुट की व्यवस्था करने में दिक्कत होती थी. चूंकि सर्वाधिक आबादी और कृषि पर जरूरत से अधिक निर्भरता के नाते इस वर्ग के उत्तर प्रदेश के किसानों को सर्वाधिक दिक्कत होती थी.

किसानों के खातों में भेजे 74376 करोड़ रुपए 

इसलिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की. योजना के तहत हर पात्र किसान के बैंक खाते में हर फसली सीजन (रबी, खरीफ और जायज) में 2-2 हजार रुपए दिए जाते हैं. उक्त योजना का सर्वाधिक लाभ भी यहां के किसानों को मिला. अब तक इस योजना से प्रदेश के 2.80 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 74376 करोड़ रुपए भेजे जा चुके है.

हर खेत को पानी के नारे को साकार कर रही योगी सरकार

इनपुट के निवेश के  बाद सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की थी. कहा भी गया कि फसल सब कुछ का इंतजार कर सकती है, पर पानी का नहीं. क्लाइमेट चेंज के कारण बारिश की अप्रत्याशित होने से समय से सिंचाई इस समय की सबसे बड़ी जरूरत और चुनौती भी है. इस संकट के हल के लिए योगी सरकार ने सिंचन क्षमता बढ़ाने पर युद्ध स्तर पर जोर दिया. वर्षों से लंबित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को समय से फंड उपलब्ध कराकर उनके काम की शासन स्तर से नियमित मॉनिटरिंग कराकर उनको पूरा कराया गया.

सात वर्षों में 23.23 लाख हेक्टेयर सींचन क्षमता बढ़ी 

नतीजतन सात वर्षों के दौरान 38 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गईं. इनसे 23.23 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सींचन क्षमता प्राप्त हुई. इसमें अकेले सरयू नहर परियोजना का हिस्सा करीब 14 लाख हेक्टयर रहा.

सिंचाई संग पर्यावरण की भी चिंता

सिंचाई सस्ते में हो. बिजली पर निर्भरता कम हो. डीजल की भी बचत हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे, इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत भारी भरकम अनुदान पर सोलर पंप लगाने को प्रोत्साहन दिया. इस योजना के तहत अब तक प्रदेश में 63 हजार से अधिक सोलर पंप लगाए जा चुके हैं. डार्क जोन में नलकूप लगाने के प्रतिबंध को हटाना, निजी नलकूपों को बिजली बिल में 100 फीसद छूट भी सिंचन क्षमता के विस्तार की ही कड़ी है. भविष्य में सरकार सरकारी और निजी नलकूपों को सोलर सिस्टम से भी जोड़ सकती है.

गन्ना, धान और गेंहू के रिकॉर्ड खरीद का लक्ष्य

इसी सबका नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश की करीब 86 फीसद भूमि सिंचित है. एमएसपी पर गन्ना, धान और गेंहू की रिकॉर्ड खरीद से किसानों को मिली राहत किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती तैयार उपज के वाजिब दाम को लेकर रही है. इसके लिए गन्ना, धान और गेंहू के रिकॉर्ड खरीद का लक्ष्य रखा गया. विपणन केंद्रों के विस्तार के साथ समयबद्ध भुगतान की व्यवस्था की गई. नतीजतन हर साल खरीद और भुगतान का नया रिकॉर्ड बना. मसलन अब तक गन्ना किसानों को 2.53 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान हो चुका है. इसी तरह करीब 4800000 किसानों से 41301 करोड़ रुपए और करीब 6200000 धान किसानों से करीब 7500 करोड़ रुपए की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा चुकी है.

किसानों को जागरूक करने पर पूरा जोर

एक्सटेंशन कार्यक्रमों के जरिए लगातार सरकार किसानों के बीच बाजार की मांग के अनुसार आधुनिक खेती और एकल खेती की जोखिम से बचने के लिए डाइवर्सीफाईड खेती पर जोर दे रही है. इसमें मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की खेती पर खासा जोर है. इसके नतीजे भी दिख रहे हैं. पिछले सात वर्षों के दौरान तिलहन और दलहन के उत्पादन में क्रमशः 127 और 36 फीसद की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. बाढ़ हो या सुखा. यहां तक कि वैश्विक संकट कोरोना के दौरान भी योगी सरकार किसानों के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़ी रही.

 

 

 

POST A COMMENT