मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है. प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने सीएम योगी के मिशन को पूरा करने के लिए वर्ष 2025-26 में 1,41,846 करोड़ रुपए के जीवीओ (ग्रॉस वैल्यू आउटपुट) का लक्ष्य रखा है. गन्ना विकास विभाग ने अपनी वर्ष 2025-26 की कार्य-योजना प्रस्तुत की है. जिसमें उन्होंने गन्ना कृषि और संबंधित उद्योगों का उचित क्रियान्वयन कर राज्य सरकार पर अपनी आश्रितता को कम करते हुए प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देना है.
उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए अपनी कार्य-योजना प्रस्तुत की है. जिसमें प्रमुख लक्ष्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आगामी वर्ष में 1,41,846 करोड़ रुपए जीवीओ का लक्ष्य रखा है. गन्ना विकास विभाग ने अपनी कार्य-योजना में स्पष्ट तौर पर बताया है कि जिस तरह वर्ष 2023-24 में विभाग ने 1,09,461 करोड़ रुपए जीवीए का योगदान दिया था. उसे इस वर्ष बढ़ाकर 1,41,846 करोड़ रुपए जीवीओ का लक्ष्य तय किया गया है. जिसमें गन्ने का योगदान 1,03,038 करोड़ रुपए जीवीओ तय किया गया है, जबकि गुड़ का योगदान 38,808 करोड़ रुपए रखा गया है.
गन्ना विकास विभाग ने लक्ष्य प्राप्ति और प्रदेश सरकार पर अपनी आश्रितता कम करने के लिए महत्वपूर्ण विषय तय किये हैं. विभाग का विशेष जोर चीनी मिल संघ का औसत रिकवरी प्रतिशत 09.56 से प्रतिशत से बढ़ाकर 10.50 प्रतिशत तक पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त वर्ष 2025-26 में 91.54 लाख कुंतल चीनी की समयबद्ध बिक्री को सुनिश्चित करना है. ताकि बिक्री की अनिश्चितता और देरी के कारण होने वाली हानियों को रोका जा सके. साथ ही चीनी मिलों की भण्डारण क्षमता को बढ़ाकर 4 लाख कुंतल तक करना है.
गन्ना विकास विभाग वर्तमान में अपनी योजनाओं के संचालन के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्राप्त करता है. विभाग ने योजनाओं के संचालन में आने वाली तकनीकी खामियों को दूर करके प्रदेश सरकार पर अपनी आश्रितता कम करने का लक्ष्य रखा है. साथ ही वर्ष के विभाग मई माह तक चीनी मिलों के लिए आउट सोर्सिंग से होने वाली कुशल श्रमिकों की भर्ती को सुनिश्चित करेगा.
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