यूपी में पिछले कुछ सालों में आम की दर्जनों उन्नत किस्में विकसित की गई है. सुरखा, सफेदा, हुस्नआरा, कपूरी और गुलाब खास से लेकर आम्रपाली तक, इस तरह की तमाम किस्मों के स्वाद, सुगंध और लाजवाब रंगत की बीते कुछ सालों में युद्धस्तर पर की गई की गई ग्लोबल ब्रांडिंग और मार्केटिंग के कारण यूपी के आम की वैश्विक मांग में तेजी आई है. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए यूपी सरकार ने Moscow Mango Festival में भी राज्य के मशहूर किस्म के आमों की खुशबू और स्वाद को पहुंचाने की पहल की है. मास्को में हर साल 7 से 9 जुलाई तक अंतरराष्ट्रीय आम महोत्सव आयोजित होता है. इस साल यूपी के उद्यान उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह की अगुवाई में यूपी के आम उत्पादकों के समूह ने इस महोत्सव में शिरकत की है.
इस मौके पर सिंह ने रूस के कारोबारी समूहों के साथ बैठक कर यूपी के बागवानी उत्पादों के कारोबार को बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाने के विकल्पों पर विचार मंथन किया. उन्होंने रूस के कारोबारियों से उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि देश में मोदी सरकार की निवेशोन्मुखी नीतियों और राज्य में योगी सरकार द्वारा निवेश के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है.
उद्यान विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार सिंह ने मास्को में रूस के उद्यमियों के साथ यूपी में बागवानी तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया. उन्होंने उद्योग जगत एवं रूस सरकार के प्रतिनिधियों से यूपी में निवेश को बढ़ाकर पारस्परिक हितों को और अधिक मजबूत करने की अपील की. उन्होंने बताया कि यूपी से बागवानी उत्पादों के निर्यात तथा खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने के संबंध में रूस के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर निर्णायक दौर की चर्चा हुई. इस पहल को जल्द ही जमीन पर उतारा जाएगा.
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सिंह ने कहा कि यूपी में उपजाए जा रहे फल सब्जी एवं अन्य कृषि उत्पादों के लिए रूस के बाजार में भरपूर संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि रूस के उद्यमियों के साथ बातचीत के बाद वह यूपी के कृषि एवं बागवानी उत्पादों की भरपूर मांग एवं आपूर्ति के लिए आश्वस्त हैं.
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार रूस के साथ कृषि एवं बागवानी उत्पादों के कारोबार को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए आपसी सहयोग का दायरा बढ़ाएगी. इस दिशा में लगातार किए जा रहे प्रयासों के परिणाम अब दिखने लगे हैं. सिंह ने कहा कि इसके तहत यूपी में रूस के कृषि उत्पादों की भी मांग को बढ़ाते हुए आयात एवं निर्यात की लागत को न्यूनतम स्तर पर लाने की नीति पर काम किया जा रहा है.
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