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Mango: मंडी में बढ़ी आम की आवक, मिठास कम होने से ग्राहकों ने बनाई है दूरी

Mango: मंडी में बढ़ी आम की आवक, मिठास कम होने से ग्राहकों ने बनाई है दूरी

फलों का राजा आम अब बाजारों में खूब दिखने लगा है. फरवरी महीने से ही दक्षिण भारत में पैदा होने वाले बादामी और तोता परी आम बाजारों में बिकने लगते हैं. यह दोनों ही आम जूस के लिए प्रयोग किए जाते हैं. जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार आम के फलों में मिठास कम है. वही महंगे दामों के चलते भी ग्राहकों ने दूरी बना ली है

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मंडी में बढ़ी आम की आवक मंडी में बढ़ी आम की आवक

फलों का राजा आम अब बाजारों में दिखने लगा है. मसलन फरवरी के आख‍िरी महीने से ही दक्षिण भारत में पैदा होने वाले बादामी और तोता परी आम बाजारों में बिकने लगे हैं, लेक‍िन म‍िठास कम होने की वजह से इन आमों से ग्राहकों ने दूरी बनाई हुई है.वहीं महंगे दामों के चलते भी ग्राहकों ने इनसे दूरी बना ली है. वाराणसी के पहाड़िया फल मंडी में रोजाना दो से तीन ट्रक आम पहुंच रहा है, लेकिन छोटे दुकानदार भी इन आमों को खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, जिसके चलते बड़े दुकानदारों को अब नुकसान उठाकर ही बेचना पड़ रहा है. यहां तक की आम के व्यापारी फलों में सड़न होने से भी परेशान हैं.

फलों का राजा आम को नहीं मिल रहे ग्राहक

देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फलों के राजा आम के चाहने वाले भरे पड़े हैं, लेकिन इन दिनों उत्तर प्रदेश में आम के खरीदार अब कम हो गए हैं. सभी फल मंडी में इन दिनों बादामी और तोता परी आम की आवक बढ़ गई है. वाराणसी की पहाड़िया मंडी में भी आम के बड़े व्यापारी तौहीद ने किसान तक को बताया कि इस बार उनके दुकान पर ₹40 से लेकर ₹80 प्रति किलो तक आम मौजूद हैं, लेकिन आम की बिक्री ना होने से उन्हें अब नुकसान हो रहा है.

उन्होंने बताया क‍ि रोजाना उनके गोदाम में रखे हुए आम सड़ रहे हैं. इस वजह से उन्हें फेंकना पड़ रहा है. इस बार होली के त्यौहार के बाद फलों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी ,लेकिन अभी तक मायूसी ही हाथ लगी है. रमजान और नवरात्र के चलते कुछ फलों की बिक्री में जरूर इजाफा हुआ है, लेकिन आम की बिक्री नहीं बढ़ी है. फुटकर बाजार में आम 120 से लेकर डेढ़ सौ रुपए किलो तक बिक रहा है, जिसकी कीमत फलों के रूप में इन दिनों सबसे ज्यादा है.

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जलवायु परिवर्तन के चलते कम है मि‍ठास

जानकारों का कहना है क‍ि जलवायु परिवर्तन का असर उत्पादन ही नहीं बल्कि फलों की गुणवत्ता पर भी अब पड़ने लगा है. बाजार में बिकने वाले आम इस बार पिछले साल की अपेक्षा कम मीठे हैं. मिठास कम होने की वजह से ग्राहक भी आम को खरीदने में इस बार रुचि कम दिखा रहे हैं. अल्फांसो और दशहरी आपको आने में अभी 1 महीने से ज्यादा का समय है. मौजूदा समय में बादामी और तोतापुरी आम को ज्यादातर लोग जूस के लिए प्रयोग कर रहे हैं .