Mango: यूपी की आम पट्टी बन रही है जंगल! मैंगो मैन कलीमुल्लाह खान ने दी चेतावनी

Mango: यूपी की आम पट्टी बन रही है जंगल! मैंगो मैन कलीमुल्लाह खान ने दी चेतावनी

मैंगो मैन नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान ने क‍िसान तक से बातचीत करते हुए कहा क‍ि 1990 के दौरान मलिहाबाद क्षेत्र में आम की कुल 1300 किस्में मौजूद थी, जो अब घटकर 600 रह गईं हैं. सरकार अगर जल्दी सचेत नहीं हुई यह फल पट्टी जगंल में तब्दील हो जाएगी और इससे आम के उत्पादन पर बड़ा असर होगा.

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Mango: यूपी की आम पट्टी बन रही है जंगल! मैंगो मैन कलीमुल्लाह खान ने दी चेतावनी फल पट्टी बदल रही है वन पट्टी में

भारत में उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. देश के 23 फीसदी आम का उत्पादन अकेले यूपी में क‍िया जाता है.प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 75 जनपद में कुल 15 फल पट्टी हैं. राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद और काकोरी क्षेत्र को भी दशहरी आम की फल पट्टी घोषित किया गया है. मलिहाबाद के ही रहने वाले मैंगो मैन नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान ने अकेले 300 से ज्यादा आम की किस्मों को विकसित करने का काम किया है. किसान तक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 1990 के दौरान मलिहाबाद क्षेत्र में आम की कुल 1300 किस्में मौजूद थी, जो अब घटकर 600 रह गई है. सरकार अगर जल्दी सचेत नहीं हुई यह फल पट्टी (Mango Fruit strip) वन पट्टी में तब्दील हो जाएगी और इससे आम के उत्पादन पर बड़ा असर होगा.

जंगल में बदल रही है आम पट्टी 

लखनऊ की मलिहाबाद दशहरी आम के लिए विश्वविख्यात है. दशहरी आम का मदर ट्री भी यहीं दशहरी गांव में ही स्थित है. मलिहाबाद क्षेत्र में 1000 से ज्यादा बाग हैंं, यहां पर दशहरी आम के साथ चौसा, लंगड़ा और कई और भी प्रमुख किस्में मौजूद हैं. मलिहाबाद के रहने वाले आम के डॉक्टर के नाम से मशहूर पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने किसान तक को बताया कि वे बचपन से ही आम की नई किस्मों को विकसित करने में लगे हुए हैं, जिसके लिए उन्होंने विदेश के बड़े-बड़े ऑफर भी नकार चुके हैं. उनके द्वारा मलिहाबाद की फल पट्टी को काफी ज्यादा समृद्ध करने का काम किया है. उन्होंने आम के लिए काम कर रही सरकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं.

क‍िसान तक से बातचीत में उन्होंने चिंता जताई है कि अगर सरकार जल्द ही इस फल पट्टी की समस्या को समय रहते ही सुधार नहीं किया तो आने वाले समय में पूरा मलिहाबाद कि फल पट्टी वन पट्टी में तब्दील हो जाएगी. मलिहाबाद और काकोरी में आम के बाद अब धीरे-धीरे इतने घने हो चुके हैं कि वे जंगल जैसे दिखने लगे हैं, जबकि आम के लिए गर्म हवा के साथ-साथ धूप का पेड़ तनों तक पहुंचना जरूरी होता है. इसलिए आम के उत्पादन पर भी असर पड़ा है.

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यूपी में सबसे ज्यादा होता है आम का उत्पादन

उत्तर प्रदेश में देश का 23 फ़ीसदी आम अकेले पैदा होता है. लखनऊ के मलिहाबाद, काकोरी में दशहरी, सहारनपुर में दशहरी-सफेदा ,बनारस में लंगड़ा, चौसा की पैदावार होती है. प्रदेश में आम के बागों का क्षेत्रफल 27 लाख हेक्टेयर है. जहां से पिछले साल 45 लाख टन की पैदावार हुई थी.

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