
राजधानी लखनऊ के मलिहाबादी दशहरी आम (Dasheri Mango) की मांग कई प्रदेशों के साथ ही विदेश में भी रहती है. इसी क्रम में लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में आम निर्यात कोर समिति की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में आम के उत्पादकों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई. बैठक में दशहरी आम के प्रचार प्रसार के लिए शहर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों, होटलों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, E-commerce प्लेटफॉर्म, रोडवेज और व्यावसायिक स्थानों पर निःशुल्क कैनोपी के माध्यम से सेल काउंटर लगाकर कृषि उत्पादक संगठनों को सशक्त करने पर जोर दिया गया.
मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने दशहरी आम को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के लिए ब्रांडिंग प्रमोशन और निर्यात के लिए एयरपोर्ट पर सुविधाएं उपलब्ध कराने और एडवांस में एयर स्पेस बुक करने में आम को प्राथमिकता दी जाए. आम के प्रमुख निर्यातकों को लीडिंग किसान उत्पादक संगठनों यानी FPO और उत्पादकों के टाईअप कराने के निर्देश भी दिए.
वहीं हॉर्टिकल्चर फेडरेशन को निर्देशित किया गया कि प्रदेश के बाहर कम से कम 4 बड़े शहरों में किसानों से टाईअप कर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दशहरी आम के विक्रय की व्यवस्था बनाई जाए. जिससे दशहरी आम को देश के सभी भागों में पहचान दिलाई जा सके.
उधर, लखनऊ मंडल की कमिश्नर डॉ रोशन जैकब ने आम निर्यात में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों को शेड्यूल बनाकर इन समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश दिया.
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस बार दशहरी आम एक हफ्ता देरी से बाजार में आएगा. क्योंकि अभी पूरी तरह से इसे पकने में वक्त लगेगा. दशहरी आमों को कीड़े मकोड़े और मौसम की मार से बचाने के लिए उनकी बैगिंग कर दी गई थी. अभी तक आमों पर बैगिंग है, जिसे हटाया नहीं गया है. 5 जून के बाद इसे हटा कर देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर दशहरी को बिना पके तोड़ लेंगे, तो इसका असली स्वाद लोगों को नहीं मिलेगा. क्योंकि, दशहरी विदेश तक भेजा जाता है. बिना पके जल्दी में दशहरी को भेज देंगे, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी छवि खराब होगी.
आम के उत्पादन में भारत में यूपी नंबर एक है. देश के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी एक तिहाई से अधिक है. पर, जब बात आम के निर्यात की आती है तो भारत फिसड्डी देशों में शामिल है. आम के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.52 फीसद है. आम के प्रमुख निर्यातक देश हैं थाईलैंड, मैक्सिको, ब्राजील, वियतनाम और पाकिस्तान आदि. इनके निर्यात का फीसद क्रम से 24, 18, 11, 5 और 4.57 है. ऐसे में वैश्विक बाजार में भारत के आम के निर्यात की अपार संभावना है.
बता दें कि 160 वर्षों के इतिहास में पहली बार मलिहाबाद (लखनऊ) का दशहरी अमेरिका को निर्यात किया गया. तब भारत में दशहरी का दाम 60 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच था, पर अमेरिका के बाजार में 900 रुपए की दर से बिक रहा है. वहीं बागवानों को आम के बेहतर दाम मिलें इसके लिए योगी सरकार यूपी के आमो की विदेशों में भी ब्रांडिंग कर रही है.
इसी क्रम में पिछले साल उद्यान विभाग की टीम मास्को गई थी. यूएस और यूरोपियन देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए योगी सरकार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर रही है. अभी तक उत्तर भारत में कहीं भी इस तरह का ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है.
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