देश में उत्तर प्रदेश आम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. वहीं राज्य के अलग-अलग जिलों में आम के अलग-अलग किस्मों की पैदावार होती है. लखनऊ के कक्ष मलिहाबाद और काकोरी क्षेत्र में दशहरी आम की सबसे ज्यादा पैदावार होती है. यहां का दशहरी पूरे विश्व में अपनी मिठास की वजह से मशहूर है. इसी वजह से सरकार ने भी इस पूरे क्षेत्र को फल पट्टी घोषित किया है. जलवायु परिवर्तन के चलते और आम के बागों पर कीटों के संक्रमण से किसान परेशान हैं. अब वह अपने बागों को काटकर दूसरी फसल उगाने को मजबूर हैं. यही हाल रहा तो आने वाले कुछ वर्षों में दशहरी आम के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिलेगी.
उत्तर प्रदेश का मलिहाबाद, काकोरी और माल क्षेत्र में 27000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दशहरी आम की पैदावार होती है. इस क्षेत्र में पैदा होने वाले दशहरी आम की पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मांग है. हाल के वर्षों में इस क्षेत्र के किसान फसल में लगने वाले कीटों से परेशान हैं जिसके चलते उनके उत्पादन पर असर पड़ा है. ऐसे में वह अपने बागों को काटकर अब दूसरी फसल उगाने को मजबूर हैं. मलिहाबाद के किसान श्यामलाल के अनुसार, उनके पास आम का बाग था लेकिन इन दिनों साल में ₹20000 की रकम भी निकालना मुश्किल हो रहा है. वहीं दूसरे किसान गिरजा शंकर का कहना है कि आम पर पुष्प गुच्छ मिज (एरोसोमिया इंडिका) का संक्रमण ज्यादा परेशान कर रहा है. इसी वजह से वे आमों के बाग को काटने को मजबूर हैं, क्योंकि अब कम उत्पादन के चलते ज्यादा मुनाफा नहीं मिल रहा, जबकि दूसरी फसल उगा कर वह साल में ज्यादा कमाई कर सकते हैं. आम की फसल तो साल में एक बार आती है, जबकि इस खेत में वह साल में तीन बार फसल ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने विकसित की ज्वार की दो नई किस्में, 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा उत्पादन
मलिहाबाद में आम के बाग के किसानों का कहना है कि पिछले चार से पांच सालों में फसल पर कई तरह के कीड़ों का संक्रमण बढ़ा है जिस पर दवाएं भी अब बेअसर हो रही हैं. ऐसे में उनके सामने बाग को काटना मजबूरी है. किसान शंकर के पास 3 बीघे का आम का बाग है पिछले 1 साल में आठ बार दवा का छिड़काव किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. दवा के छिड़काव पर ₹30000 का खर्चा आया. इसके बावजूद भी आम की फसल से लागत भी नहीं निकल पाई.
लखनऊ के रहमान खेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के कीट रोग विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. हरिशंकर सिंह ने बताया कि आम की फसल में लगने वाले सभी तरह के कीटों पर नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशक उपलब्ध है. दवाओं के माध्यम से आम की फसल को प्रभावित करने वाले सभी कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. किसानों को दवा की सही जानकारी और सही मात्रा के प्रयोग की सलाह भी दी जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today