उद्यान विभाग ने बुंदेलखंड में खेती की दुश्वारियों से किसानों को निजात दिलाने के लिए खेत से उपजे कृषि उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की शुरुआत झांसी जिले से की है. बहुद्देशीय लाभ वाली इस कवायद में Chemical Free Farming कर रहे किसान, खुद कारोबारी बन कर Adulteration Free कृषि उत्पाद, उपभोक्ताओं को मुहैया कराएंगे. झांसी जिले के जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड के किसानों को कारोबारी बनाने वाली इस पहले से दोहरा लाभ होगा. डॉ. सिंह ने बताया कि इसके तहत आटा, दाल, चावल, तेल और मसाले के साथ खेत में उपजी तुलसी की चाय तक बुंदेलखंड के उपभोक्ताओं को सीधे किसानों से मिल सकेगी. इससे उपभोक्ताओं को रसायन मुक्त खेती से उपजे गैर मिलावटी खाद्य पदार्थ स्थानीय बाजार में ही मिल सकेंगे. दूसरी ओर उपज का प्रसंस्करण करने वाले किसानों को भी बाजार में अपने उत्पादों को वाजिब दाम मिल सकेगा. जिससे किसान खुद Market Chain का हिस्सा बनकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे.
उद्यान विभाग के झांसी मंडल के उप निदेशक विनय कुमार ने बताया कि मंडल आयुक्त के निर्देश पर गठित 'बुंदेलखंड विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण समिति' ने किसानों द्वारा निर्मित कृषि उत्पादों का बिक्री केंद्र झांसी में शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि जिले के Progressive Farmers की मौजूदगी वाली इस समिति का संचालन भी किसान ही करते हैं. इसमें कृषि और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के सक्षम अधिकारी समिति के किसानों को Business Model बनाने में मदद करते हैं.
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उन्होंने बताया कि सरकार बुंदेलखंड के हर जिले में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दे रही है. इसके तहत किसानों को रासायनिक खाद रहित शुद्ध उपज उगाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. जो किसान धीरे धीरे Chemical Fertilizer and Pesticides का इस्तेमाल बंद कर गौ-आधारित खेती की ओर बढ़ रहे हैं, उन्हें शुरू के सालों में कम उपज मिलने की आशंका रहती है. ऐसे किसानों को कम उपज होने के बावजूद उनकी उपज का बाजार में सही दाम मिल सके, इसके लिए उन्हें उपज की Processing, Packaging and Marketing करने में मदद की गई है.
उन्होंने बताया कि इन किसानों को कृषि विभाग गेहूं, दाल चावल आदि फसलों के उन्नत देसी बीज मुहैया कराता है. उद्यान विभाग, उपज का प्रसंस्करण करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कराता है. प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों को उचित बाजार मिल सके, इसके लिए बुंदेलखंड विशिष्ट कृषि उत्पाद संरक्षण समिति के माध्यम से बिक्री केंद्र की सुविधा दी गई है.
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समिति के सचिव एवं प्रगतिशील किसान पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि इस बिक्री केंद्र के जरिए बुंदेलखंड के किसानों को अपनी उपज को प्रोसेस कर सीधे बाजार में बेचने की सुविधा मिल गई है. इससे मध्यमवर्गीय उन उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा जो Organic Products के नाम पर बाजार में अत्यधिक ऊंची कीमत पर बिक रहे खाद्यान्न को नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में निम्न और मध्यमवर्गीय उपभोक्ता मिलावटी खाद्य वस्तुएं खरीदने के लिए मजबूर है.
सिंह ने बताया कि समिति के बिक्री केंद्र से किसानों द्वारा सरसों, राई, मूंगफली का तेल सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा रहा है. इसी तरह सेहत के लिए बेहतर माने गए देसी किस्म के गेहूं, चावल और दालें भी उपभोक्ता खरीद सकेंगे. इसके अलावा बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर उपजाई जा रही तुलसी की चाय भी उपभोक्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है. सिंह ने बताया कि जल्द ही इस बिक्री केंद्र से बुंदेलखंड के पशुपालक किसानों द्वारा बनाए गए Milk Products भी मिलेंगे. इसकी शुरुआत गाय और भैंस के घी से होगी.
गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार किसानों को बाजार की श्रृंखला का हिस्सा बनाने के लिए खेत में उपजे उत्पादों का प्रसंस्करण करके सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में लगी है. इस कड़ी में किसानों को एग्रो प्रोडक्ट बनाने के लिए उपज का प्रसंस्करण करने से लेकर पैकिंग और मार्केटिंग करने तक, हर तरह की सहूलियत दी जा रही है. जिससे किसान भी कारोबारी बनकर अपनी आय में इजाफा कर सकें.
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