UP: बुंदेलखंड के किसानों की जल्द चमकेगी किस्मत, अरहर दाल को GI tag दिलाने की तैयारी

UP: बुंदेलखंड के किसानों की जल्द चमकेगी किस्मत, अरहर दाल को GI tag दिलाने की तैयारी

Arhar Dal Cultivating: विजय कुमार ने बताया कि बुंदेलखंड की अरहर की दाल को जीआई टैग जल्द ही मिलेगा. इसके लिए उच्च स्तर पर कार्यवाही चल रही है. जीपीएस के जरिए बुंदेलखंड की अरहर की दाल की खेती का सर्वे भी कराए जाने की तैयारी है.

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UP: बुंदेलखंड के किसानों की जल्द चमकेगी किस्मत, अरहर दाल को GI tag दिलाने की तैयारीहमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जिलों में इस बार अरहर की खेती का बढ़ा रकबा.

भारत में सबसे ज्यादा अरहर दाल का सेवन किया जाता है. यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है और स्वादिष्ट भी होती है. अरहर दाल में कैल्शियम आयरन समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसकी खेती कर किसान मालामाल हो रहे हैं. इसी बीच अरहर की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बुंदेलखंड क्षेत्र में पैदा होने वाली अरहर की दाल को अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में जल्द ही नई पहचान मिलेगी. इसके लिए यहां की दाल को जीआई टैग (GI Tag) देने की तैयारी शुरू कर दी गई है.

68,453 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अरहर की बुआई

उप कृषि निदेशक के मुताबिक, अरहर की दाल को GI tag मिलने पर किसानों की आमदनी भी दोगुनी होगी. बांदा के उप कृषि निदेशक विजय कुमार ने बताया कि बुंदेलखंड में चित्रकूटधाम मंडल के चार जिले अरहर की दाल की पैदावार के लिए एक बड़ा सेंटर है. यहां हर साल इसकी खेती का ग्राफ बढ़ रहा है. बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में इस बार 19150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने अरहर की दाल की बुआई की है. जबकि, महोबा में 4376 हेक्टेयर, बांदा में 24795 हेक्टेयर व चित्रकूट में 20132 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अरहर की बोआई की गई है. बुंदेलखंड के इन चार जिलों में ही इस बार 68,453 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अरहर की बुआई का किसानों ने रिकॉर्ड बनाया है.

पिछले साल की तुलना अरहर की खेती का बढ़ा रकबा

बांदा के उप कृषि निदेशक विजय कुमार बताते हैं कि हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट जिलों में इस बार अरहर की खेती का रकबा भी पिछले सालों की तुलना में काफी बढ़ा है. बताया कि हमीरपुर में 19143 हेक्टेयर से सात हेक्टेयर अधिक रकबे में बुआई की गई है, जबकि महोबा में आठ हेक्टेयर, बांदा में 3215 हेक्टेयर व चित्रकूट में 897 हेक्टेयर का रकबा अरहर की दाल की पैदावार के लिए बढ़ा है. वर्ष 2021 में 52,888 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अरहर की दाल की पैदावार हुई थी.

बुंदेलखंड के अरहर की दाल का होगा सर्वे

विजय कुमार ने बताया कि बुंदेलखंड की अरहर की दाल को जीआई टैग जल्द ही मिलेगा. इसके लिए उच्च स्तर पर कार्यवाही चल रही है. जीपीएस के जरिए बुंदेलखंड की अरहर की दाल की खेती का सर्वे भी कराए जाने की तैयारी है. जीआई टैग मिलने पर बुंदेलखंड की अरहर की दाल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलेगी. किसानों को दाल बेचने पर अच्छे दाम मिलेंगे. बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट और बांदा समेत चारों जिलों में 19 हजार से अधिक किसान अरहर की दाल की पैदावार करते हैं.

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