भारत में बड़े पैमाने पर दालों की खेती की जाती है. इसके साथ ही भारत दालों का बड़ा उत्पादक हाेने के बावजूद बड़े आयातकों में से एक है. दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती हैं. वहीं, कुछ दालों की भारत में रोजाना बड़े पैमाने पर खपत होती हैं. इन्हीं में से एक अरहर की दाल है. इसे तूर दाल के नाम से भी जाना जाता है. भारत तूर दाल का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां हर साल लगभग 45 लाख टन तूर दाल की खपत होती है. भारत में पिछले कुछ समय में तूर दाल के भाव दोगुने से ज्यादा हो गए है. इसकी औसतन कीमत 200 रुपये किलो से ज्यादा है.
हालांकि, दाल के उत्पादन में मौसम के कारण अंतर आता रहता है, पिछली बार कम रकबे के कारण इस साल उत्पादन 33.85 लाख टन रह गया था, जो मांग और आपूर्ति के हिसाब से करीब 11 लाख टन कम रहा. यही वजह रही कि तूर दाल महंगी हुई और आयात भी करनी पड़ी. वहीं, इस वर्ष केंद्र सरकार ने 49 लाख हेक्टेयर में अरहर दाल की बुवाई का लक्ष्य रखा है. अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, उम्मीद है कि इस बार यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा और अगले साल बंपर उत्पादन होगा. जानिए प्रमुख अरहर उत्पादक राज्य कौन-से हैं.
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भारत में क्षेत्रफल और उत्पादन के लिहाज से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात में प्रमुख हैं. यहां पहले स्थान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर कर्नाटक, तीसरे पर मध्य प्रदेश, चौथे पर तेलंगाना, पांचवें पर आंध्र प्रदेश और छठे पर गुजरात है. इसके बाद झारखंड, ओडिशा और तमिलनाडु में भी अरहर का उत्पादन होता है.
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