वाइट गोल्ड के नाम से मशहूर है यह प्याज, मात्र 250 एकड़ इलाके में होती है खेती 

वाइट गोल्ड के नाम से मशहूर है यह प्याज, मात्र 250 एकड़ इलाके में होती है खेती 

महाराष्‍ट्र के अलीबाग में सफेद प्‍याज की खेती होती है और जो इस इलाके को अपने आप में खास बना देती है. इस सफेद प्‍याज को व्‍हाइट गोल्‍ड या सफेद सोने के तौर पर भी जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां पर सफेद प्‍याज की खेती के क्षेत्र में गिरावट आई है. अब यहां पर सफेद प्‍याज की खेती को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं. इस कोशिश में कृषि विभाग और जिला प्रशासन की भी मदद मिल रही है.

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वाइट गोल्ड के नाम से मशहूर है यह प्याज, मात्र 250 एकड़ इलाके में होती है खेती अलीबाग का सफेद प्‍याज दुनियाभर में है मशहूर

महाराष्‍ट्र के अलीबाग में एक ऐसी चीज की खेती होती है जिसे सफेद सोने के नाम से जाना जाता है. यह एक ऐसा सोना है जो खाने के काम भी आता है. हम बात कर रहे हैं यहां पर उगाए जाने वाले सफेद प्‍याज की जिसकी बाजार में खास मांग है. यहां की भौगोलिक स्थिति की वजह से अलीबाग का प्‍याज दुनिया में काफी मशहूर है. लेकिन अब इस प्‍याज को भी कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. एक रिपोर्ट की मानें तो कृषि विभाग और जिला प्रशासन ने अब इस खास फसल का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है और यही किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. 

फसल का दायरा घटा 

लोकमत की एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो प्‍याज के इस इलाके में जनता के लिए एक जागरुकता अभियान शुरू किया गया है. अब इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले समय में सफेद सोने की फसल का क्षेत्र बढ़ेगा. सफेद प्‍याज को अलीबाग की खास फसल माना जाता है. यह प्‍याज यहां के खांदाले, नेहुली, वेशवी, कार्ले, पावेले, रुले, सागांव और धोलपाड़ा में उगाया जाता है. पहले इस प्‍याज की फसल 260 हेक्‍टेयर में होती थी. धीरे-धीरे इसका दायरा घटकर 250 हेक्‍टेयर रह गया. इस वजह से अब इस बात की कोशिशें तेज हो गई हैं कि इस फसल का क्षेत्र बढ़ाया जाए जिसको भौगोलिक विभिन्‍नता हासिल है. 

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दायरा बढ़ाने की कोशिशें 

अलीबाग के प्‍याज की फसल का उत्‍पादन हर साल पांच हजार टन होता है. इसे इस तालुका के सात से आठ गांवों में हर साल उगाया जाता है. इस फसल से किसानों को बहुत बड़ा आर्थिक फायदा भी होता है. कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इसका बाजार बढ़ाने की जरूरत है क्‍योंकि प्‍याज की इस किस्‍म को जियोग्राफिकल रेटिंग हासिल है. ऐसे में इसका उत्‍पादन भी बढ़ाया जाना चाहिए. अब जिला प्रशासन और कृषि विभाग इसी मकसद को पूरा करने में जी-जान से लगे हैं. जिला कलेक्‍टर ने किसानों की मदद करने के लिए कई तरह की पहल की है. 

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बीज उत्‍पादन को बढ़ाने की पहल 

कलेक्‍टर किशन जावले की तरफ से सफेद प्‍याज की खेती का दायरा बढ़ाने की कोशिशें शुरू कर दी गई है. साथ ही कृषि विभाग ने इसके बीज उत्‍पादन को बढ़ाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. अलीबाग के सफेद प्‍याज के बीजों का उत्‍पादन और इसका क्षेत्र विस्‍तार 13 अगस्‍त को खंडाला मंदिर में साई रेवेन्‍यू पखवाड़ा का विषय था. इस दौरान यहां पर क्रॉपिंग सिस्‍टम और हॉर्टीकल्‍चर की तरफ से किसानों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. डॉक्‍टर जीतेंद्र कदम ने किसानों को विस्‍तार से बताया कि वह कैसे सफेद प्‍याज और बीजों का उत्‍पादन बढ़ा सकते हैं और कैसे वह जियोग्राफिकल डेजीगनेशन के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं.

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