रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई का यह समय है और ज्यादातर गेहूं उत्पादक राज्यों में किसान इसकी बुवाई में जुटे हुए हैं. हालांकि, शुरुआती आंकड़ों में गेहूं की बुवाई रकबे में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में शामिल हरियाणा, मध्य प्रदेश राजस्थान में गेहूं की खेती का क्षेत्रफल सर्वाधिक कम हुआ है. हालांकि, अभी बुवाई की शुरुआत को देखते हुए क्षेत्रफल में सकारात्म उछाल की उम्मीद की जा रही है.
रबी सीजन में गेहूं की बुआई के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार 8 नवंबर तक कुल 41.3 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में 15.5 फीसदी कम है. क्योंकि बीते साल यह रकबा 48.87 लाख हेक्टेयर था. केंद्र ने गेहूं के 336.23 लाख हेक्टेयर संभावित क्षेत्रफल का अनुमान जताया है और इससे 114 मिलियन टन उपज हासिल करने का टारगेट रखा है. बता दें कि बीते 5 साल के दौरान गेहूं का औसत रकबा 312 लाख हेक्टेयर रहा है. इसलिए फरवरी-मार्च के दौरान तापमान में बढ़ोत्तरी की आशंकाओं के मद्देनजर किसानों को फसल नुकसान से बचाने के लिए समय पर बुआई करना जरूरी है.
रिपोर्ट के अनुसार गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश में गेहूं के रकबे में गिरावट देखी गई है. मध्य प्रदेश में 8 नवंबर तक गेहूं की बुआई 10.56 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है. जो पिछले साल यह 26.58 लाख हेक्टेयर थी. मध्य प्रदेश में गेहूं की बुवाई बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने अभी से हालिया एमएसपी बढ़ोत्तरी के साथ उपज खरीदने की घोषणा कर दी है और किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. उधर, राजस्थान में 8 नवंबर तक गेहूं का रकबा 1.92 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जो एक साल पहले की तुलना में 2.06 लाख हेक्टेयर से काफी कम है.
उत्तर प्रदेश ने इस साल 101.12 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई करने का टारगेट रखा है. एक साल पहले 9.31 लाख हेक्टेयर बुवाई के मुकाबले इस बार अब तक 9.36 लाख हेक्टेयर अधिक रकबा दर्ज किया है. पंजाब ने गेहूं की बुवाई में काफी आगे चल रहा है. राज्य में 14.13 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है. जबकि, बीते साल की समान अवधि तक केवल 8.31 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई की गई थी. इसी तरह हरियाणा ने 3.62 लाख हेक्टेयर गेहूं रकबा दर्ज किया गया है, जबकि एक साल पहले यह 1.12 लाख हेक्टेयर ही था.
केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए गेहूं उत्पादन का टारगेट 115 मिलियन टन रखा है. जबकि, गेहूं की कुल खेती रकबा 337 लाख हेक्टेयर रखा है. इस बार किसान गेहूं की बुवाई को बढ़ा सकते हैं. क्योंकि, केंद्र ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपये की बढ़ोत्तरी की है. जबकि, खरीफ सीजन में जमकर हुई बारिश ने सिंचाई दिक्कतों को दूर किया है. जबकि, कई इलाकों में खेत की मिट्टी में नमी बरकरार है. इससे गेहूं उत्पादन अच्छा होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today