मध्य प्रदेश में किसानों से खरीफ सीजन की फसलों की खरीद की प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार ने रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की सरकारी खरीद की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार 50 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद करने का अनुमान है. राज्य सरकार ने कहा है कि किसानों का गेहूं बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. बता दें कि राज्य में गेहूं बुवाई की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है. एक्सपर्ट का मानना है कि अभी बुवाई शुरू हुई है और गेहूं की खेती के लिए अभी भरपूर समय को देखते हुए रकबा बढ़ने की उम्मीद जताई है.
गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश में गेहूं के रकबे में गिरावट देखी गई है. मध्य प्रदेश में 8 नवंबर तक गेहूं की बुआई 10.56 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है. जो पिछले साल यह 26.58 लाख हेक्टेयर थी. मध्य प्रदेश में गेहूं की बुवाई बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने अभी से हालिया एमएसपी बढ़ोत्तरी के साथ उपज खरीदने की घोषणा कर दी है और किसानों को गेहूं की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के गेहूं उत्पादकों से कहा है कि गेहूं की खरीद 150 रुपये बढ़े हुए एमएसपी पर करेगी. किसानों से कहा गया है कि गेहूं के लिए किसानों के 2425 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में मिलेगा. खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि अधिकाधिक क्षेत्र में गेहूं की बुवाई करें और बढ़ी हुई एमएसपी से अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करें.
राज्य कृषि विभाग के अनुसार रबी मार्केटिंग वर्ष 2025-26 के लिये किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिये तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस क्रम में गेहूं खरीद के लिए बारदाना, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से तय एफएक्यू् मानक के गेहूं खरीद के लिए केंद्रों पर मैकेनाइज्ड क्लीनिंग व्यवस्था की जाएगी. गेहूं की क्वालिटी जांचने के लिए सर्वेयर को ट्रेनिंग दी जा रही है.
मध्य प्रदेश में इस बार 50 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा सकती है. क्योंकि, बीते साल 6 लाख 16 हजार किसानों से 48 लाख 38 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था. समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदने के लिये राज्यभर में 3694 क्रय केंद्र बनाए गए थे. खरीदे गए गेहूं को ले जाने, हैंडलिंग और किसानों के तेज पेमेंट के लिये 2199 खरीद केंद्रों को गोदाम के रूप में भी इस्तेमाल किया गया था. बाकी 1495 क्रय केन्द्र समिति स्तर पर स्थापित किए गए थे. इस बार अभी से व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई हैं, जिससे अधिक गेहूं की खरीद के स्पष्ट संकेत हैं.
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