मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से कहा है कि जहां ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है पहुंचा है और चमकविहीन गेहूं खरीदा गया है वहां उसके लिए किसानों को पूरी रकम राशि का भुगतान किया जाए. गेहूं खरीद के बाद किसानों को एमएसपी के भुगतान का काम बिना देरी के होना चाहिए. किसानों को कोई दिक्कत न हो. खरीद केंद्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पीने के पानी का प्रबंध भी होना चाहिए. खरीदे गए गेहूं की सुरक्षा, तोल कांटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुंचाने का काम भी सुचारू रूप से किया जाए. इस कार्य में जन-प्रतिनिधि भी किसानों का सहयोग करें.
मुख्यमंत्री समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे. चौहान ने कहा कि कर्जमाफी के चक्कर में जो किसान डिफाल्टर मान लिए गए थे, उनके ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार शीघ्र करेगी. प्रदेश में 17 मार्च के बाद और अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई ओलावृष्टि से संबंधित सर्वे कार्य लगभग पूरा होने की ओर है. राज्य शासन द्वारा राहत राशि के लिए नई दरों का निर्धारण भी किया गया है. उसके अनुसार ही किसानों के खातों में रकम भेजी जाएगी. इसके लिए आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं.
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रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के दौरान मध्य प्रदेश में 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है. यहां खरीद चल रही है. यहां पिछले साल 129 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था जबकि 46.03 लाख टन ही हो सकी थी. बहरहाल, इस साल मध्य प्रदेश ने सबसे पहले एमएसपी पर गेहूं खरीद के गुणवत्ता नॉर्म्स में छूट देने की अपील की थी और उसे केंद्र सरकार ने मान लिया था. इस छूट से उन किसानों को बहुत राहत मिली है जिनकी फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हो गई थी.
गेहूं की चमक 10 फीसदी से कम है तो उसके दाम में कोई कटौती नहीं होगी. लेकिन, यदि चमक में 10 फीसद से अधिक हानि है तो खरीद का का भुगतान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से कम दाम पर होगा. अभी गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. गेहूं की खरीद उसके नेचुरल साइज, आकार, रंग और चमक के पैमाने पर होती है. एवरेज क्वालिटी वाले गेहूं में दूसरे अनाज की मात्रा दो परसेंट, हल्के टूटे अनाज की मात्रा चार परसेंट, अधिक टूटे अनाज की मात्रा छह परसेंट और नमी की मात्रा 12 परसेंट से अधिक नहीं होनी चाहिए.
फिलहाल, मध्य प्रदेश में 28 मार्च को एमएसपी पर शुरू हुई सरकारी खरीद के महज तीन दिनों में ही 98,485 टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी. इससे पहले मंडियों में 15 मार्च से 30 मार्च के बीच 7.81 लाख टन गेहूं की आवक हुई थी. इसके बाद हुई खरीद का आंकड़ा अभी जारी नहीं किया गया है.
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