देश में गेहूं की खरीद में 37 फीसदी की गिरावट आई है. कहा जा रहा है कि पंजाब में गेहूं की धीमी आवक की वजह से राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं खरीद ने अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ी है. यहां पिछले साल की तुलना में अब तक केवल 13 फीसदी ही गेहूं की खरीद हुई है. हालांकि, पंजाब में मिल मालिकों और व्यापारियों ने कहा कि मंडियों में गेहूं की बहुत कम आवक हो रही है. उनकी माने तो हाल ही में हुई बारिश के चलते खेत में लगी गेहूं की फसल में नमी आ गई है. जैसे ही फसल की कटाई में तेजी आएगी, वैसे ही मंडियों में गेहूं की आवक भी बढ़ जाएगी.
द बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश में गेहूं की कुल खरीद 18 अप्रैल तक 60.58 लाख टन तक पहुंच गई है, जो एक साल पहले 95.36 लाख टन थी. गेहूं की आवक में भी इसी तरह की गिरावट है जो एक साल पहले के 130.97 लाख टन के मुकाबले 18 अप्रैल तक 86.23 लाख टन दर्ज की गई है. वहीं, केंद्र ने पंजाब में एक साल पहले के 31.68 लाख टन के मुकाबले 3.31 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि आवक 4.71 लाख टन बताई गई है, जो एक साल पहले के 40.07 लाख टन से कम है.
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वहीं, बात अगर मध्य प्रदेश की करें तो यहां पर भी बारिश के कारण गेहूं की खरीद प्रभावित हुई है. इसके चलते कुल खरीद अब एक साल पहले के 27.98 लाख टन से घटकर 24.55 लाख टन रह गई है. सरकार का लक्ष्य मप्र से 80 लाख टन गेहूं खरीदने का है. इसी तरह हरियाणा में भी गेहूं की खरीद का लक्ष्य 80 लाख टन रखा गया है. लेकिन इस राज्य में गेहूं खरीद एक साल पहले के 35.05 लाख टन से 18 प्रतिशत कम होकर 28.73 लाख टन तक पहुंच गई है.
राजस्थान में केंद्र सरकार ने अभी तक 1.30 लाख टन गेहूं खरीदा है, जो एक साल पहले के 5,208 टन से काफी अधिक है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि राज्य एमपी की तरह एमएसपी के ऊपर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान करने की पेशकश कर रहा है, इसलिए खरीद अधिक है. यही वजह है कि राजस्थान में गेहूं की आवक 4.66 लाख टन तक पहुंच गई है. सूत्रों ने कहा कि पिछले साल असामान्य था और पूरे सीजन में केवल 4.38 लाख टन ही गेहूं खरीदा जा सका था. इस साल खरीद काफी अधिक होनी चाहिए.
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केंद्र ने यूपी से अब तक 2.65 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि इस सीजन में 60 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य है. हालांकि यह एक साल पहले की अवधि में खरीदे गए 54,835 टन से काफी अधिक है. लेकिन किसानों द्वारा अनाज को रोके रखना सरकार के लिए लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रतिकूल हो सकता है. प्रदेश द्वारा व्यापारियों और बड़े कॉरपोरेट्स पर अनौपचारिक प्रतिबंधों के कारण, किसान एमएसपी पर सरकार को बेचने के लिए मजबूर हैं, जबकि उन्हें लगता है कि मांग में वृद्धि के कारण उन्हें उच्च कीमतें मिलेंगी.
केंद्र सरकार के भंडार में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल को पिछले 16 वर्षों में सबसे कम हो गया, जिससे सरकार पर यथासंभव अधिक मात्रा में गेहूं खरीदने का दबाव पड़ा. हालांकि आधिकारिक लक्ष्य 1 अप्रैल से शुरू हुए विपणन वर्ष में 372.9 लाख टन खरीदने का है. अधिकारियों ने कहा है कि इस साल गेहूं की खरीद 310-320 लाख टन हो सकती है. कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन 1120.2 लाख टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है.
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