ओडिशा के बारगढ़ जिले में 10 मई से धान की खरीद शुरू होगी. इसके लिए सारी तैयारी जोरो पर है. वहीं, जिला कलेक्टर ने क्रय केंद्र पर सभी तरह की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो. खास बात यह है कि जिले के अत्ताबिरा ब्लॉक में धान की खरीद 10 मई से शुरू होगी. इसके बाद जिले के बरगढ़ में 12 मई, भेडेन, पाइकमाल और सोहेला में 14 मई, बरपाली में 15 मई, अंबाभोना और झारबंध में 16 मई, पदमपुर, भटली और बीजेपुर में 17 मई और गैसिलेट ब्लॉक में 20 मई को मंडियां खुलेंगी.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुचारू खरीद की सुविधा के लिए बरगढ़, अट्टाबीरा और पद्मपुर आरएमसी सहित 197 मंडियों में कुल 52 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पीएसीएस) और 50 महिला स्वयं सहायता समूह (डब्ल्यूएसएचजी) शामिल होंगी. बारगढ़ जिला कलेक्टर आदित्य गोयल ने कहा कि लगभग 86,000 किसान पहले ही खरीद प्रक्रिया के लिए पंजीकृत हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों पर विचार किया गया और इस बार प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उपाय लागू किए गए हैं, जहां किसानों के लिए एक नियंत्रण कक्ष काम करेगा. वहीं प्रत्येक मंडी की निगरानी के लिए दस्ते तैनात किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें- गांव वालों ने किया चुनाव का बहिष्कार, कलेक्टर के समझाने के बाद भी नहीं माने, ये है नाराजगी की वजह
जिला कलेक्टर आदित्य गोयल ने कहा कि खरीद प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत करने के लिए, 34 स्थानों पर उप-बाजार खोले जाएंगे. जबकि सीसीटीवी और मूल्य डिस्प्ले बोर्ड से सुसज्जित एक मॉडल मंडी स्थापित की गई है. किसानों की चिंताओं का तुरंत समाधान करने के लिए विशेष प्रावधान, जैसे प्रत्यक्ष धान संग्रह केंद्रों पर किसानों की शिकायतों के लिए एक समर्पित रजिस्टर और जिला मुख्यालय पर एक टोल-फ्री हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है.
कलेक्टर ने बताया कि इसके अलावा स्वतंत्र अधिकारी ग्राम पंचायत स्तर पर किसानों को बारदाने के प्रावधान की निगरानी करेंगे और मिलर्स बैग का उचित मूल्य वहन करेंगे. गोयल ने कहा कि अधिकारी मंडी स्तर पर किसानों को भुगतान का उचित वितरण भी सुनिश्चित करेंगे. प्रत्येक आरएमसी के अध्यक्षों को किसानों के साथ सीधे संपर्क बनाए रखने, धान की आवक से पहले टोकन जारी करने और पड़ोसी जिलों में धान की कालाबाजारी या अनधिकृत हस्तांतरण जैसी अवैध गतिविधियों को रोकने का काम सौंपा गया है. किसानों से आग्रह किया जाता है कि वे किसी भी तरह की गड़बड़ी के बारे में अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करें, शिकायत दर्ज होने के 48 घंटों के भीतर त्वरित कार्रवाई का वादा किया गया है.
ये भी पढ़ें- दालों का रिकॉर्ड इंपोर्ट और MSP पर 25 फीसदी खरीद का नियम! आत्मनिर्भरता के लिए सिस्टम तो बदलना होगा
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today